130 + Bewafa शायरी For Girlfriend & Boyfriend, 2 Line शायरी और Quotes
बेवफा शायरी के माध्यम से बोली गई बातें, हमें किसी प्यार में और प्यार के साथ-साथ मित्रता में या किसी संबंध में भी हम देख सकते हैं | बेवफा शायरी हम सभी को बताती है जब हमें कोई अपना जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा हम रखते हैं | जब वह हमेशा के लिए छोड़ कर चला जाता है तो वह बेवफा या एहसान फरामोश कहलाता है | दूर हुए रिश्तो के बीच प्यार ,जज्बात और मन से जो जुड़ाव रखता है, उसमें एक व्यक्ति उसे तोड़कर और सब कुछ छोड़कर हम सभी से दूर चला जाता है | वह बहुत बड़ा बेवफा कहलाता है|
हम इश्क़ में वफ़ा करते करते बेहाल हो गए,
और वो बेवफाई करके भी खुशहाल हो गए।
हर धड़कन में एक राज़ होता है,
बात बताने का एक भी अंदाज़ होता है,
जब तक ठोकर न लगे बेवाफ़ाई की,
हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
जब आपको बिना गलती के सजा मिले,
तो उसे Bewafai कहा जाता है।
जिससे हमने Bewafai पायी,
वो हमसे वफ़ा की उम्मीद करते हैं,
दिल पर जख़्म देके, निशान शरीर पर ढूंढ़ते हैं।
मुझे बेवफाई नहीं चाइये थी,
मुझे धोका नहीं चाइये था,
मुझे तो बस थोड़ा सा प्यार चाइये था!!
एक दौर था वो हर वक़्त मेरी फ़िक्र करने वाली ,
हर समय मेरे बारे मैं सोचने वाली कहाँ चली गई,
वफ़ा करने वाली, bewafai करके चली गयी !
अभी पास है तो ठोकर मारकर bewafa बना देते हो,
जब दूर हो जाएंगे, तो प्यार जाताओगे!
उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी,
अगर उसमे वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने।
बेवफ़ाई की सारी हदे वो पार कर चुकी होगी!
अपने बदन की आबरू तार-तार कर चुकी होगी!
मेरे अलावा किसी और के साथ हमबिस्तर,
होकर वो ये कमाल कर रही होगी,
और ये किसकी उँगलियाँ है तेरे बदन पर,
उसके बिस्तर की चादर भी,
उससे ये सवाल कर रही होगी!!
तूने रिस्ता तोड़ा, मजबूरी होगी मैं मानता हूँ!
मुझे तो निभाने दे, मैं तुझसे भला क्या मांगता हूँ!
मुझे दर्द में देखकर वो मुस्कुरा रही है !
और मैं भी कितना पागल हूँ,
वो खुश रहे ! यही दुआ मांगता हूँ !!
मेरी आँखों से आशू नहीं रुक रहे !
और एक तू है कि हस के बात कर रही है।
लहजे में माफी, आँखों में शरम तक नहीं!
ये एक्टिंग का कोर्स तू लाजवाब कर रही है॥
तेरी हर हकीकत से रूबरू हो गया हूँ मैं!
ये पर्दा किस बात का कर रही है !
एक मैं हूँ कि आँखों से आशू नहीं रुक रहे!
और तू है की हस कर बात कर रही है।
ए बेवफा क्या तुझे थोड़ी सी शर्म आती है?
घड़ी मुझे गिफ्ट करके,
समय किसी और के साथ बिताती है!!
रूबरू ना हो पाया उससे बिछड़कर कभी,
पर उसकी आँखों को मैंने दिल के करीब रखा है,
इश्क़ के दस्तूर बड़े अच्छे से निभाना जानती है वो,
मेरे रकीब के लिए एक नया रकीब रखा है॥
कर के मुझ पर यूं जुल्म बेइन्तेहा !
कहती है चलो तुम्हें आज माफ करते है!!
धूल जमी थी खुद के चेहरे पर…
कहती है चलो आईना साफ करते है॥
कुछ आदतें पसंद है मेरी,
कुछ आदतें खराब लगती है,
जब से छोड़ गयी है वो,
इस शरीर को सिर्फ शराब लगती है॥
बदनाम करते है लोग मोहब्बत को,
पर सुरुवात तो दोस्ती से हुई थी।
खुद को खुद से ही बदनाम करते है,
चलो उनका काम आसान करते है,
चुभने लगी है इस धड़कन की आहटें मुझको,
चलो इसे रोकने का इंतेजाम करते है॥
चलो इतना तो निकला काम बहम आशनाई से,
वफ़ा से हम हो गए आशना और तुम बेवफाई से।
किसी बेवफ़ा की ख़ातिर ये जुनूँ ‘फ़राज़’
कब तक,जो तुम्हें भुला चुका है उसे तुम भी भूल जाओ।
अब मायूस क्यों हो उस कि बेवफाई पे फ़राज़,
तुम खुद ही तो कहते थे कि वो सबसे जुदा है।
कितनी भी Care कर लो, Bewafai करने वाले बेवफा बन ही जाए हैं !
मोहब्बत का अजीब करोबार हमने किया था,
वो बेवफा सही मगर प्यार हमने किया था,
अगर वो छोड गया तो मत कहो बुरा उनको,
कसूर उनका नहीं ऐतेबार हमने किया था।
मैंने अपनी ज़िन्दगी के रस्ते बदल दिए हैं
अब जो हमारे साथ खड़े हैं, वही हमारे साथ चलेंगे !
हमने ये सोचा वो वापिस आए हमारी मोहब्बत के लिए,
मगर वो बेवफा वापिस आए सिर्फ अपने काम के लिए!
कोमल, दयालु लगते थे जो हसीन लोग,
वास्ता पड़ा तो कठोर और पत्थर के निकले…
ये बेवफा भला वफा की कीमत क्या जाने,
है बेवफा तो गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने,
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर,
वो भला सच्चे प्यार की कीमत क्या जाने।
मुझे उसके आँचल का आशियाना ना मिला,
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना ना मिला,
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा,
मुझे छोड़ने का और कोई उसे बहाना ना मिला।
खुद जिद पे उतरता है और खुद ही मान जाता है,
देखो ये दिल हमारा खुद ही खुद को समझाता है।
दुनिया में अगर जीने की चाहत ना होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती,
लोग मरने की आरज़ू ना करते यहा,
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती।
किस-किस को तू यार बनाएगी,
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी,
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे,
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी।
डाल कर आदत बेपनाह मोहब्बत की,
अब वो कहते है की समझा करो वक़्त नहीं है।
मोहब्बत की गहराई में सिर्फ बेवफाई होती है,
टूट कर चाहने वालो के नसीब में तन्हाई होती है।
बरबाद कर गया वो जिंदगी प्यार के नाम पर,
बेवफाई मिली सिर्फ वफा के नाम पर,
ज़ख्म ही ज़ख्म दिया उसने दवा के नाम पर,
खुद भी रो पड़ी वो मेरी मोहब्बत के अंजाम पर।
उसके शहर में प्यार के मेले हैं,
उसकी बेवफाई के हर दर्द झेले हैं,
मेरे इश्क़ का तग़ज़ा तो देखो,
उसे पाने के खातिर मौत से भी खेले हैं।
किसी खामोश कहानी की तरह रहता है,
दर्द हर आंख में पानी की तरह रहता है।
जब कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं,
तब दिल के दर्द आँसू बनकर बह जाते हैं,
जो कहते है की हम सिर्फ आपके है,
वही बीच राह में अलविदा कह जाते है।
पत्थर की ये दुनिया जज्बात नहीं समझती,
दिल में है जो वो बात नहीं समझती,
तन्हा तो चांद भी है सितारों के बीच,
मगर चांद का दर्द बेवफा रात नहीं समझती।
जब निकले मेरा जनाजा तो खिड़की से झांक लेना,
फूल तो बहुत महंगा पड़ेगा पत्थर ही मार देना।
मजबूरी में जब कोई जुदा होता हैं,
जरूरी नहीं की वो बेवफा होता हैं,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता हैं।
दिल के करीब आके जब वो दूर हो गए,
दिल के सारे हसीन ख्वाब चूर-चूर हो गए,
हमने वफा निभाई तो बदनामी मिली,
और वो बेवफाई करके भी मशहूर हो गए।
तेरे इश्क़ में खो गया इस कदर,
कि दिल में मेरे अरमान सजने लगा,
लेकिन तू जब से की है मुझसे बेवफाई,
अब हर शख़्स मुझे बेवफ़ा लगने लगा।
वो हमसे मिली भी तो बेवफा बन के मिली,
मेरे गुनहा उतने नहीं थे जितनी मुझे सजा मिली।
अपने हुस्न पर नाज़ करना उसका गुरूर हैं,
हर दिन नया आशिक़ बनाना उसका सुरूर हैं,
मेरा दिल उसके बेवफाई पर भी फितूर हैं,
अब आप ही बताओ यारो इसमें मेरा क्या कसूर हैं।
ऐ मौत तुझे मैं गले लगाना चाहता हू,
कितनी वफा है ये आजमाना चाहता हू,
लोगो ने बहुत रूलाया है मुझे,
तेरा साथ मिले तो लोगो को रूलाना चाहता हूं।
हमें ना मोहब्बत मिली ना प्यार मिला,
हमे तो सिर्फ और सिर्फ बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई है तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला।
बीते हुए लम्हो में कई दर्द भरा है,
मेरे हस्ते हुए चेहरे में गम भरा है।
खो गई हु मैं उन पुरानी यादो में,
अब खुद को ही भूलती जा रही हु,
पहले हर बात पे मुस्कुराया करती थी,
अब खुद ही खामोश हुई जा रही हु।
वो वक़्त बीत गया है,
वो वादा टूट गया है,
किसे कहु दिल की बात,
वो प्यार भी रूठ गया है।
जिसे दिल से चाहा उसी ने मुझे रुलाया,
बिच राहो में छोड़कर कैसा प्यार निभाया।
टूटकर एक दिन पत्तो की तरह बिखर जाउंगी,
दिवारो से लटकती हुई तस्वीर में नजर आउंगी,
अगर कभी न मिलु तो उदास मत होना,
अपनी आंखे बंद करना मैं ख्वाबों में नजर आउंगी।
मेरी ज़िन्दगी की एक उलझन को सुलझा दे कोई,
किसी को भुलाया कैसे जाता है इतना बता दे कोई।
वो हमे क्यों छोड़कर चले गए,
हमे पता नहीं उनकी क्या मज़बूरी थी,
अब खुदा से भी क्या शिकायत करे,
लगता है हमारी कहानी ही अधूरी थी।
वक़्त ने तेरे चेहरे का रंग दिखा दिया,
तुम कभी मेरे नहीं थे ये बता दिया,
अब इस दिल में को कोई उम्मीद न रही,
इस दिल ने अब सब कुछ मिटा दिया।
बहुत दर्द है दिल में बता नहीं सकते,
अब इस दर्द से और नहीं लड़ पाउगी,
ज़िन्दगी जीने का कोई वजूद ही नहीं रहा,
किसी दिन खुद से हारकर टूट जाउगी।
मैंने टूटे हुए दिल के टुकड़े को सजाया है,
अपने दर्द को दिल में ही दबाया है,
लोग कहते है तुम पहले जैसे नहीं रहे ,
मैंने दिल के जख्म को लोगो से छुपाया है।
हमने भी ज़िन्दगी में बहुत कुछ खोया है,
एक वक़्त में हमने भी हस्ते हुए रोया है।
टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता इश्क में मरीज को आराम नहीं आता ये बेवफा
दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता!
तेरी बेवफाई के बारे मैं बहुत सुना था ,
फिर भी तेरे से दिल लगा बैठे,
भूल हमारी थी, उससे चाहत लगा बैठे,
जो बेवफा से वफ़ा की उम्मीद कर बैठे!!
कौन करता है प्यार यहाँ निभाने के लिये,
दिल तो बस एक खिलौना है जमाने के लिये।
सुना है तुम्हारे चाहने वाले वाले बहुत है,
ये इश्क़ की मिठाई सब में बाँट दी तुमने,
सचमुच बहुत पक्की डोर है तेरी बेवफ़ाई की,
सुना है रकीब की पतंग भी काट दी तुमने॥
अब कैसे बताऊ क्या गुजरती है मेरे दिल पर,
जब किसी और के हाथ तेरे बदन को छुआ करते है,
ये जमाना जालिमो से भरा हुआ है,
ये लोग इतने अच्छे नहीं ! जीतने ये दिखा करते है॥
कितने किरदार थे उसके, बता दूँ क्या?
हालत-ए-दिल तुमसे जाता दूँ क्या? और
इस कदर कातिल उसकी निगाहे जालीम !
ना बने तू दीवाना तो, चल बता दूँ क्या!!
तेरे दिल की महफिल सजाने आए थे,
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे!
ये तो बता किस बात की सजा दी तूने ओ बेवफा।
हम तो तेरे दर्द को अपना दर्द बनाने आए थे॥
कि प्यार तो मैं तुझसे बहोत करता हूँ !
लेकिन तेरी हकीकत भी जनता हूँ !
इसलिए तेरी गली तक तो जाता हूँ !
पर तेरी चौखट से ही लौट आता हूँ ॥
आजकल तुम दिखाई नहीं देती !
ये बताओ कहीं शुमार हो क्या ?
हुश्न भी अच्छा है, अदाएं भी देखी है!
पर ये बताओ वफ़ादार हो क्या!!
जाना ही था तो बता कर जाती,
यूं बेवफ़ा का इल्जाम खुद पर ना लगवाती!!
हमने सोचा था कि हम ही तड़प रहे है,
तुम्हारी यादों में ! पर आंखे बता रही है,
नींद रात भर आपको भी नहीं आती !!
तेरा दिया हुआ जख्म मेरे काम आ गया…
भरी महफिल में मैंने बेवफा कहा…
और सब के लबो पे तेरा नाम आ गया॥
कि मुझको सिर्फ उसका नशा है,
मुझ पर कोई भी नशा वार नहीं करता !
और मैं जानबूझ कर दिखता हूँ मजनू जैसा !
इसलिए मुझसे कोई प्यार नहीं करता !!
मैंने वक्त के पहिये को,
धीरे और तेज चलते देखा है,
अरे तुम गैरो की बात करते हो,
मैंने अपनों को बेवफा करते देखा है॥
उसको याद करते-करते मैं मर ना जाऊ कहीं!
एक फकीर ने हाथ देखकर कहा…
वो तेरी किश्मत में तो है, पर लकीरों में नहीं!!
मैं उसकी चाहत पूरी नहीं कर सकता !
उसकी चाहतें बड़ी है !!
मैं तो सिर्फ उसके पीछे पड़ा था !!
वो 3-4 के पीछे पड़ी है !!
मुझसे ऊंची डाली मिली तो,
उस पर जा बैठे तुम!!
दिल में बसाया था तुम्हें ,
सर पर आ बैठे तुम !!
जिससे दिल ना मिले !
उससे हाथ क्या मिलाना?
जो गिर जाये एक बार नजरों से,
उसे पलकों पर क्या बिठाना!!
2 दिलो की धडकनों में साज होता है,
सभी को अपनी मोहब्बत पर नाज होता है!
प्यार में हर कोई नहीं होता बेवफा,
बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है॥
के आग लगी थी ! मैखाने में,
मैं उस पर शराब उड़ेल रहा था !!
पलटी जो निगाहें उसके घर की तरफ, तो ये क्या!!
रक़ीब उसकी ज़ुल्फों से खेल रहा था !!
जिस किसी को टूट कर चाहो बेवफा हो जाता है,
सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है।
जब तक काम आते रहोगे, हमसफ़र कहलाओगे!
काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है॥
तू खुश है मेरे बगैर इसमे गलत कुछ नहीं है!
मैं खुश हूँ तेरे बगैर इसमे सच कुछ नहीं है !!
तुझे चाहा था और चाहता रहूँगा, ये सच है !
लेकिन अब तुझे ही चाहूँगा, ये सच नहीं है!!
कितनी कसमें खाओगी और कितने झूठ बाकी है !
इससे थी, उससे थी और न जाने किस-किस से थी,
तेरी मोहब्बत ! मुझे तो तबाह कर दिया !
और कितनों को करना बाकी है !!
के कोई जाम दे दो, तो कोई
उसकी रुसवाई का पैगाम दे दो!
अगर हो उसकी गली में कोई घर,
तो उसके घर के सामने एक मकान दे दो!!
रूह छूना चाहता था उसकी !
न जाने उसे जिश्म छूने वाले ही अच्छे लगे॥
सच कह-कहकर थक गया था, उससे!
न जाने उसे झूठ कहने वाले ही सच्चे लगे॥
इश्क़ किया था तुझसे,
इसलिए तो गलती अपनी बताई है।
मैंने ही तो झूठ बोला था इश्क़ में,
तूने तो बेवफ़ाई बड़ी इसमानदारी से निभाई है॥
इतना बुरा तो नहीं था
जितना तुमने बना दिया है।
खैर छोड़ो अब जाने भी दो,
तुमने तो मुझे भुला दिया है॥
कहाँ से लाऊं रोज एक नया दिल।
दिल तोड़ने वालों ने तो तमाशा बना रखा है॥
ये कैसा सितम था उनका,
कुछ पलो कि मोहब्बत के लिए,
मुझे सालों आजमाया गया,
फांसी मेरी पहले मुकर्रर कर दी!
अदालत मुझे बाद में ले जाया गया!!
गिरा दे कितना भी नजरों से मुझे,
झुकने पर मजबूर तो मैं तुझे भी कर दूंगा!
और एक बार महफिल बदनाम
करके तो देख ओ बेवफा मुझे !
कसम से पूरे शहर में मशहूर मैं तुझे भी कर दूंगा!!
तेरी बेरुखी देख कर दिल करता है तुजसे बहुत दूर चला जाऊँ,
आसमान के इन तारो मे कही खो जाऊँ,
मेरे प्यार की कदर नहीं है उस पत्थर दिल को ,
हमारी वफाओं को याद करके रोयेगी!!
मेरी आँखों से बहने वाले न थमने वाले ये आँसूं ,
बार बार तुमसे तुम्हारी बेवफाई का कारण पूछ रहे हैं।
45+ 2 Line Bewafa Shayari Girlfriend & Boyfriend, Quotes In Hindi
तेरे बिना जीते जी मरना है
ये ताजुरबा भी इसी जिंदगी में करना है
वो शक्स मुझे बीच सफर में छोड़ गया,
जिसके लिए मैंने मेरे अपने छोड़ दिए..!!
एक गलती रोज कर रहे है,
जो मिलेगा ही नही उसी पे मर रहे है।
जब भरोसा उठने लगता है
तब दम भी घुटने लगता है
ख़त में मेरे ही ख़त के टुकड़े थे और,
मैं समझा के मेरे ख़त का जवाब आया है ।
तुझे भूलने चलना था
इस एक तरफ़ा प्यार ने
खुद को भुला दिया….
अब तो डर लगा रहता है किसी से भी मोहब्बत करने से,
आजकल लोग चुकते नही किसी से भी धोखा करने से।
बहुत ही प्यारी थी उसकी अदा,
हमें छोड़ किसी और पर हो गई फिदा।
बेवफा शायरी इन हिंदी फॉर Girlfriend Attitude
हमसे रिश्ता तोड़ने की नही बताई कोई भी वजह,
हमें छोड़ अपने दिल में किसी और को दे दी जगह।
टुटे हुए कांच के जैसे चकनाचूर हो गए,
किसी को चोट न पहुंचे इसलिए दूर हो गए।
मोहब्बत उसने भी हमसे की हमने भी उनसे की थी,
ऐसा क्या पता था कि वो बेवफा हमें ही धोखा देगी।
हम तो है बेवफाई के मारे,
हम जीवन नही जीते है किसी के सहारे।
हमसे सच्ची मोहब्बत निभाने का नाटक करती है,
वो खुदगर्ज हमें बेवफाई का आलम दे जाती है।
बेवफा लोगों की इस दुनिया में हमें किसी पर भी भरोसा नही होता है,
हमने पहले किसी पर भरोसा न किया होता तो ये दिल इस तरह नही रोता है।
उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था,
कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था,
बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम,
प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था।
यू तो कोई तन्हा नहीं होता,
चाह कर किसी से जुदा नहीं होता,
मोहब्बत को मजबूरियां ले डूबती है,
वरना ख़ुशी से कोई बे वफ़ा नहीं होता!
आंखे बंद करता हूं तेरा चेहरा नजर आता है बेवफाई तुमने करी दर्द मुझे मिला
मिलना भी मुझे था क्योंकि सच्चा प्यार तो मैने करा था।
प्यार में वफाई अब नही मिलती ये जमाना तो बेवफाओ का है,
प्यार सब सच्चा नही करते एक धोखे बाज की वजह से प्यार में बदनाम सभी है।
बेवफाई का आलम इस तरह झेल गए,
तुने जो हमारे धोखा किया हंसकर सह गए।
हमारा प्यार वो नही जो बाजार में पैसों से बिकता है,
प्यार में धोखा खाने के बाद ये अब किसी पर भरोसा नही करता है।
हम तो वो सच्चे आशिक है जो प्यार में एक बार कहने पर मर मिट जाते है,
हमें वो नही कि एक को छोड़ किसी और के साथ चले जाते है।
कैसे बताएं हम अपने इस दिल का हाल,
उसकी बेवफाई की तड़प में एक दिन लगता है जैसे साल।
मैंने तुम्हे याद करना छोड़ दिया है,
जिंदगी को हमने एक नया रुख दिया है,
जाओ हमने तुमको आजाद कर दिया है।
हम जिसको जान से भी ज्यादा प्यार करते है,
वही धोखा हम को देते है और बेवफा भी हमी को कहते है।
प्यार में मिले है धोखे उनसे जिससे हम बहुत ज्यादा प्यार करते थे,
बेवफाई करी है उसने पर प्यार में दर्द हमे ही मिले है।
फूलों के साथ काँटे नसीब होते हैं,
ख़ुशी के साथ ग़म भी नसीब होता है,
यूँ तो मजबूरी ले डूबती हर आशिक को,
वरना खुशी से बेवफ़ा कौन होता है?
ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है साथ
कभी कभी कुछ मज़बूरियों
मोहब्बत से भी ज्यादा गहरी है।
मैंने प्यार जितनी तसल्ली से किया,
उसने धोखा भी बहुत मज़े से दिया।
बड़ी अजीब फितरत है अधूरे इश्क़ की,
किसी को तो धोखेबाज़ होना ही पड़ता है।
दर्द ऐसा है कि जी चाहे है ज़िंदा रहिए
ज़िंदगी ऐसी कि मर जाने को जी चाहे है
इस दुनिया में मोहब्बत काश न होती,
तो सफर ऐ-ज़िन्दगी में मिठास न होती,
अगर मिलती बेवफा को सजाए मौत,
तो दीवानों की कब्रे यूँ उदास न होती।
हर भूल तेरी माफ़ की
तेरी हर खता को भुला दिया,
गम है कि मेरे प्यार का
तूने बेवफाई सिला दिया।
मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम,
हमने हर दम बेवफाई पायी है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खायी है।
तेरी बेवफाई से किसको रूबरू कराए बेवफा हो तुम,
किसको बताए तूने प्यार में घाव दिए है, बड़े किसको दिखाए।
तेरी बेवफाई ने मुझको रुला दिया,
मोहब्बत की थी तुम से कितनी तुझे दिखाई नही दिया।
तुमसे प्यार में मिली बेवफाई अब किसी पे भरोसा नहीं करेगे,
तू निकली बेवफा जा किसी से नहीं कहेंगे।
जिनसे थे मेरे नैन मिले,
बन गए थे ज़िन्दगी के सिलसिले ।
इतना प्यार करने के बाद भी,
सनम मेरे बेवफा निकले।
पहले इश्क फिर धोखा फिर बेवफ़ाई,
बड़ी तरकीब से एक शख्स ने तबाह किया।
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।
मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़,
गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो।
मैंने प्यार किया बड़े होश के साथ,
मैंने प्यार किया बड़े जोश के साथ,
पर हम अब प्यार करेंगे बड़ी सोच के साथ,
क्योंकि कल उसे देखा मैंने किसी और के साथ!
महफ़िल ना सही तन्हाई तो मिलती है मिलें ना सही जुदाई तो मिलती है
प्यार में कुछ नहीं मिलता वफ़ा ना सही बेवफ़ाई तो मिलती है।