आज के समय में जिस उम्र में लड़कियां भौतिक सुख के पीछे भाग रही हैं उसी उम्र में कोई ऐसा भी है जो सब छोड़ केवल भगवान् की भक्ति में ही अपना जीवन बिता रहा है जिस उम्र में लड़कियां अपने सजने-संवरने में अधिक ध्यान देती हैं उसी उम्र में कोई ऐसा है जो भगवान् की भक्ति में खुद को सवांर रहा है।
बहुत कम लोग होते हैं जो इस युग में भगवान के प्रति अपनी असीम भावना और भक्ति रखते है। आज हम ऐसे ही उदाहरण की बात करने जा रहे हैं जिनका नाम है -जया किशोर।
जया किशोरी जी ऐसी कथावाचक और भजन गायिका हैं जिनका नाम आपने कई बार सुना होगा। भगवान् कृष्ण की भक्ति में लीन आज के युग की मीरा बाई कही जाने वाली जया किशोरी जी का जीवन परिचय उनकी आयु, जन्म, पति, परिवार सभी के बारे में आज आप यहाँ से जान सकेंगे।
जन्म और उनका परिवार : मूल रूप से राजस्थान से नाता रखने वाली जया शर्मा एक कथावाचक होने के साथ साथ मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। जया किशोरी जी का मूल नाम जया शर्मा है।
जया किशोरी जी का जन्म 13 जुलाई 1995 में राजस्थान के एक छोटे से गाँव सुजानगढ़ में हुआ था। जया जी एक गौड़ ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
जया जी की माता का नाम गीता देवी हरितपल है और इनके पिताजी का नाम शिव शंकर शर्मा (राधे श्याम हरितपाल) है। आपको बता दें की जया शर्मा जी की एक छोटी बहिन भी हैं जिनका नाम चेतना शर्मा है। इनका अपना कोई भाई नहीं है।
जया जी का परिवार वर्तमान समय में कोलकाता में रहता है। अभी तक जया जी सिंगल हैं उन्होंने अभी शादी नहीं की है। उनका कहना है की वह सही समय आने पर शादी करेंगी।
शिक्षा : जया जी ने बीकॉम किए हुए है। उन्होंने अपनी बीकॉम की पढ़ाई के साथ-साथ अध्यात्म को भी अपना समय दिया। उन्होंने अपनी 12th की पढ़ाई के समय श्रीमद भागवत कथा को तैयार किया था।
वह अपनी पढ़ाई के साथ साथ भजन ,गीता के पाठ भी करती थी। इन्होने रेगुलर कॉलेज नहीं किया क्यूंकि वह अपना अधिकतर समय अध्यात्म को देना चाहती थी।
उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा को Shri Shikshayatan School, Mahadevi Birla World Academy (महादेवी बिरला वर्ल्ड अकैडमी) कोलकाता से पूरी की है।
इन्होने बीकॉम की डिग्री Bachelor Of Commerce (B.Com) के साथ साथ वेदों, श्रीमद भागवद गीता, शास्त्रों की भी शिक्षा ली है।
आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत : किशोरी जी के परिवार का माहौल शुरू से ही आधात्म की ओर रहा है। मात्र 6-7 साल की उम्र में जया जी का आध्यात्मिक सफर शुरू हुआ था। परिवार में इनके दादा दादीजी का इनके ऊपर काफी प्रभाव पड़ा उनके दादा दादीजी उन्हें भगवान् श्री कृष्ण जी की कहानियां सुनाया करते थे।
मात्र 9 साल की उम्र में किशोरी जी ने लिंगाष्टकम, शिव तांडव स्त्रोत, मधुराष्टकम्रा, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् जैसे कई स्त्रोत याद कर लिए थे। साथ ही गीत संगीत भी शुरू कर दिया था।
जया जी ने मात्र 10 वर्ष की आयु में अमोघफलदायी सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड गया था। वह अपने एक इंटरव्यू में बताती हैं की उनके आध्यात्मिक जीवन की सफलता में उनके माता पिता का योगदान रहा है। जया जी के गुरूजी का नाम गोविंद राम मिश्र है। इनके गुरूजी गोविंद राम मिश्र जी द्वारा जया शर्मा जी को ”किशोरी” की उपाधि दी गयी थी।
जिसके बाद से जया शर्मा जी ”जया किशोरी” नाम से जाने जानी लगी। जया जी हमेशा से ही खुद को एक साधारण लड़की मानती हैं। वह खुद को साध्वी या संत कहलाना पसंद नहीं करती। जया किशोरी जी का खाटू श्याम जी पर अटूट विश्वास है।
प्रमुख भजन : जया किशोरी जी ने ज्यादातर भजन भगवान कृष्ण और राधा जी के ऊपर गये हैं। जिनमे से कुछ प्रमुख भजन की सूची नीचे दी गयी है –
- मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
- माँ बाप को मत भूलना
- कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाल नंदलाल
- इतनी खात्री करवावे ईगो काई लगे
- सबसे ऊँची प्रेम सगाई
- हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे रामा हरे रमा
- राधिका गौरि से
- गाड़ी में बिठा ले रे बाबा
- जगत के रंग क्या देखू
- लिंगाष्टकम मृत्युंजय जाप
- अच्युतम केस्वाम कृष्ण दामोदरम
- आज हरी आये विदुर घर
यह सभी भजन काफी भक्तों द्वारा पसंद किया जाता है।
पुरस्कार :
जया किशोरी जी को इन अवार्ड्स से अब तक नवाजा जा चुका है –
० साल 2016 में ‘आदर्श युवा आध्यात्मिक गुरु पुरस्कार’ से जया जी को नवाजा गया।
० ”फेम इंडिया एशिया पोस्ट सर्वे 2019 यूथ आइकॉन से नवाजा गया।
० साल 2021 में जया किशोरी को ”मोटिवेशनल स्पीकर ऑफ द ईयर” के सम्मान से नवाजा गया।
० जया किशोरी को भारतीय छत्र संसद द्वारा आदर्श युवा आध्यात्मिक गुरु पुरस्कार सहित उनके महान कार्य के लिए कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
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कुल संम्पत्ति और कथावाचन फीस : जया किशोरी जी की कुल संम्पत्ति एक अनुमान के अनुसार लगभग 2 से ढाई लाख रुपए है।
मौजूदा समय में जया किशोरी कथावाचन के लिए 9 से 10 लाख रुपये तक लेती हैं, जिसमें नानी बाई को मायरो और श्रीमद भागवत कथा का वाचन होता है. अगर कोई करीबी कथा के लिए जया किशोरी से संपर्क करते है, तो उनके यहां बिना फीस लिए भी कार्यक्रम करती हैं।
जया किशोरी भजन कीतर्न के अलावा सामाजिक कार्य करने में भी विश्वास रखती हैं। इसलिए वो सामाजिक कार्य करती हुई नजर भी आती है। उनके द्वारा उदयपुर की एक संस्था जिसका नाम है नारायण सेवा ट्रेस्ट को दान दिया जाता है। जो वहां पर रहने वाले अक्षम बच्चों के उपचार में काम आता है। वह हर साल अपनी ओर से कुछ धनराशि वहां पहुंचाती हैं ताकि उनकी कुछ मदद हो सके।
तो दोस्तों , हमारे द्वारा इस लेख में जया किशोरी जी के बारे में दी गई जानकारी से अवगत होकर आपको कैसा लगा । कमेंट करके हमें अवश्य बताएं।