Dard Bhari Shayari, 2 Line  Shayari, Quotes In Hindi

90+ Dard Bhari शायरी, 2 Line शायरी और Quotes

Dard Bhari Shayari हमारे दिल के दर्द को शब्दों में बयां करती है | जब कोई अपना चाहने वाला हमें छोड़ कर किसी और के साथ चला जाता है तो उसके गम में लिखी गई शायरी को हम Dard Bhari Shayari करते हैं | Dard Bhari Shayari की सभी के जीवन में बहुत ही नजदीक होती है| जब कोई अपना चाहने वाला मित्र या फिर मित्र से बढ़कर हो वह दूर हो जाता है | तो बहुत ही दुख होता है| Dard Bhari Shayari उन सभी प्यार करने वाले जो एक दूसरे से दिलो जान से चाहते हैं और वह अलग हो जाते हैं | Dard Bhari Shayari सीधा दिल से जुड़ी होती है और आंखों के रास्ते आंसू के रूप में झलकती है|

बहुत दर्द हैं ऐ जान-ए-अदा तेरी मोहब्बत में,
कैसे कह दूँ कि तुझे वफ़ा निभानी नहीं आती।

कितना लुत्फ ले रहे हैं लोग मेरे दर्द-ओ-ग़म का,
ऐ इश्क़ देख तूने तो मेरा तमाशा ही बना दिया।

ये सच है कि हम मोहब्बत से डरते हैं,
क्यूँ कि ये प्यार दिल को बहुत तड़पाता है,
आँख में आँसू तो हम छुपा सकते हैं,
दर्द-ए-दिल दुनिया को पता चल जाता है।

कहां कोई मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते, हर एक ने धोखा दिया,
किस-किस को भुला देते, अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबये रखा,
बयान किया तो महफिल को रुला देते।

मेरे इस दर्द की वजह भी वो है, और मेरे दर्द की दवा भी तो वो है,
वो नमक जहर पे लगता है तो क्या, मोहब्बत करने की वजह भी तो वो है।

गम इसका नहीं कि तू मेरा ना हो सका, मेरी मोहब्बत में मेरा सहारा न बन सका,
गम तो इसका भी नहीं कि सुकून दिल का लुट गया, गम तो इसका है कि मोहब्बत से भरोसा ही उठ गया।

वो जान गई थी हमें दर्द में मुस्कुराने की आदत है,
देती थी नया जहर वो रोज मेरी खुशी के झूठ।

वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं, कहाँ से लफ़्ज़ जब हमको मिलाते नहीं,
दर्द की जुबान होती तो बटा देते शायद, वो ज़ख्म कैसे दिखाते जो दिखाते नहीं।

बिन बताए उसे न जाने क्यों ये दुरी कर दी, बिछड़ के उसे मोहब्बत ही अधूरी कर दी,
मेरे मुकद्दर में गम आए तो क्या हुआ, खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।

हम ने कब मांगा है तुम से, अपनी वफाओं का सिला,
बस दर्द देते रहे करो, मोहब्बत बढ़ाती जाएगी।

रोने की सजा न रुलने की सजा है, ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सजा है,
हंसते हैं तो आंखों से निकल आते हैं अनु, ये उस शाखों से दिल लगाने की सजा है

कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे; एसा कर ए खुदा मेरी हस्ती मिटा दे;
यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है; मैं कभी न जागू मुझे एसी नींद सुला दे!!

गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा है,
फिर उस ने किताबों पे मेरा नाम लिखा है,
ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा,
कुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।

दिल से महसूस कर सकते हैं उस दर्द को,
जो तेरी कलम ने एक-एक करके तराशा है।

ये मत कहना की तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा; मैं खुद तन्हां रहा दिल को मगर तन्हा नहीं रखा;
तुम्हारी चाहतो के फूल तो महफूज राखे है; तुम्हारी नफरतो की पीठ को जिन्दा नहीं रखा!!

वादा करने वाले बीच राह मैं साथ छोड़ गए
अपना कहने वाले मरता छोड़ गये
हमसफर बन के चलने वाले ही अपना
रास्ता मोड़ कर चल दिये ।।

अब समझ आया कि बेवजह मैं इश्क़ करा जा रहा था
उसने तो हमे अपना समझा नही ये दिल है कि
उन्हें फिर भी प्यार किये जा रहा था ।।

कब तक ऐसे हर किसी का दिल तोड़े जाओगी तुम
आदत हो गयी है या शौक है तुम्हारा
एक दिन तो बेवफा कहलाओगी तुम ।।

किसी से दिल लगा के क्या हासिल हुआ हमे
वक़्त से लड़ कर क्या मिला हमे
किसी से इश्क़ कर के बस धोखा ही मिला हमे ।।

करीब आयो या दूर जाओ
अगर सच्ची मोहब्बत की है तो
उसे कम से कम एक बार तो निभाओ ।।

लफ्ज़-ए-तसल्ली तो बस एक तकल्लुफ है,
जिसका दर्द उसका दर्द बाकी सब अफ़साने।

लोग मुन्तज़िर ही रहे कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।

पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है,
फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह।

उसी का शहर, वही मुद्दई, वही मुंसिफ,
हमें यकीन था हमारा क़सूर निकलेगा।

बिछड़ के तुमसे जिन्दगी सजा लगती है;
ये सांस भी जैसे मुझसे खफा लगती है;
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करू तो किससे करू;
मुझको तो मेरी जिन्दगी भी बेवफा लगती है!!

न कर तो इतनी कोशिश मेरे दर्द को समझने की
तो पहले इश्क़ कर फिर चोट खा फिर लिख मेरे दर्द को सुनने की

हमने प्यार नहीं इश्क नहीं इबादत की है; रस्मो से रिवाजो से बगावत की है;‌‌
मांगा था हमने जिसे अपनी दुआओ में; उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है!!

चूम कर कफन में लपटे मेरे चेहरे को;
उसने तडप के कहा; नय कपडे क्या पहन लिय हमें देखते भी नहीं!!

आज सब से नाता तोड़ लो
कुछ पल की खुशियां से मुंह मोड़ लो
जो अपना है वह जरूर आएगा
सब को आज़ाद आज छोड़ दो ।

वो दिलनसी समा हम छोड़ आए,
फिज़ा छोड़ आए, रवा हम छोड़ आए
शायद कुछ पल में अब
प्यार के नगमे सुनाए दे
शायद आज फिर उनकी
लेहराती जुल्फें दिखाई दें
वो शहर छोड़ आए
अपना जहां हम छोड़ आए ।

वक्त के मोड पे ये कैसा वक्त आया है;
जख्म दिल का जुबा पर आया है;
न रोते थे कभी कांटो की चुभने से;
आज ना जाने क्यों फूलो की खुश्बू से रोना आया है!!

कभी दर्द है तो दवा नहीं; जो दवा मिली तो शिफा नहीं;‌‌
वो जुल्म करते हैं इस तरह; जैसे मेरा कोइ खुदा नहीं!!

दिल का दर्द यु लफ्जो में बयां करते ही नहीं;
तेरी तस्वीर आंखो से ना बह जाये इसलिये रोते ही नहीं;
तेरे इश्क का जुनुन छाया है इस कदर;
जिन्दा है इसी गुमान में वरना हम होते ही नहीं!!

मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं; शमां के पीछे परवाने चले आते हैं;
तुम्हें याद ना आये तो चले आना मेरी मौत पर; उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं!!

अक्सर ऐसा मेरे साथ होता है
दुनिया की भीड़ से तनहा रह जाता हूं
मुस्कराहट तो होंठो पर रहती है
मगर दिल मे छिपे दर्द को
मैं ऐसे ही सह जाता हूं ।।

कितनी मुश्किल है ना किसी के करीब
रहते हुए उससे दुरी बनाये रखना

इश्क़ और प्यार में ,फर्क होता है दोस्त।
लोग प्यार में धोखा देते हैं,और इश्क़ में जान।।

जिनकी याद में हम दीवाने हो गए; वो हम ही से बेगाने हो गए;
शायद उन्हे तालाश है अब नए प्यार की; क्यूंकि उनकी नजरो में हम पुराने हो गए!!

नादान थे हम अपना हमदर्द जो उनको समझ बेठे
चलते तो वो साथ हमारे थे मगर
तालाश मैं किसी और के थे।।

सूख गई है तेरे इश्क़ के वो डाली
अब उसे मरहम से मत सींच ।।

अब तो आदत सी हो गई इश्क़ के दर्द को सहने की
तू क्या जख्म देगी मुझे अब हमें फरक नही पड़ता
मोहब्बत मैं ऐसे दिल टूट जाने की ।।

रोने की कोई सजा नहीं है और रोने की कोई सजा नहीं है
प्यार में मिले दर्द को पूरा करने की सजा है
जब आप हंसते हैं तो आपकी आंखों से आंसू निकल आते हैं
यह तो केवल आप पर अपना दिल लगाने की सजा है।

हम हंस कर अपने जख्मों को ढक लेते हैं
हम दर्द में मिले निशानों को मिटा देते हैं
क्या अब हम किसी और को चोट पहुँचाएंगे
जब हम खुद पीड़ित हैं।

हादसे इंसानों से खेलने लगे
कागज पर जीभ दिखाने लगी जादू
जिनके कदम सफलता ने चूमे वो अमीर हो गए
और जिसका दिल टूटा वो शायर हो गया !

हम किसी के सामने आंसू बहाना नहीं जानते
न हम अपने दिल का हाल किसी को बताना जानते हैं
यूँ ही सब दोस्त हमसे बिछड़ गए
क्योंकि शायद हम रिश्ते निभाना नहीं जानते !

बरसों बाद जब उसने हमें सामने पाया
लगा कि यथार्थ विचारों के पीछे खड़ा है
मैंने उनसे पूछा कि मेरा खाता क्या है
मुझे सामने देख वो रो पड़ी !

जब ख़मोश आँख से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,
एन जाने कब दिन और कब रात होती है

अब तो हमें उदास रहना भी अच्छा लगता है,
किसी के पास होना भी अच्छा लगता है,
अब मैं दूर हूं तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है,
क्योंकि मुझे किसी की यादों में आना भी अच्छा लगता है

अजीब है मोह का खेल,
जा मुझे नहीं खेलना,
रूथ कोई और जाता है,
टूटा हुआ कोई और है

सुना है वो मुझे भूल गया है,
और तो कुछ नहीं बस,
उसकी हिम्मत के दादा देते हैं।

लाइफ से सिकवा नहीं की,
उसने गम का आदि बना दिया
गिला तो उन्हें कौन है
रौशनी की उम्मीद दिखा के दिया ही बुझा दिया

दुनिया में कहां #वफा का सिला देते है लोगो
अब तो #मोहब्बत की सजा देते हैं लोग
पहले सजाते है #दिलो में चाहतों का #खबाब
फिर #ऐतबार को आग लगा देते हैं लोग

बिचार कर आप से हमको #खुशी अच्छी नहीं लगती
लावो पर ये बनवत की #हंसी अच्छी #नहीं लगती
कभी तो #खूब लगती थी मगर ये #सोचते हैं हम
की #मुझको क्यों मेरी ये #जिंदगी अच्छी नहीं लगती

दर्द भारी शायरी गम
एक नज़र भी देखता हूँ उसे नहीं,
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं,
वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा,
हम भी खुदादार कहला नहीं उसे।

हर वक्त तेरे आने की आस रहती है; हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है;
सब कुछ है यहां बस तू नहीं; इसलिए शायद ये जिन्दगी उदास रहती है!!

झूठे अल्फ़ाज़ तो नही मेरे
इन पर तो बेवजह शक ना कर
अब तो नाम भी याद नही हमारा
ऐसे बेवफाई तो हमसे ना कर ।।

सह लेता हु दर्द मगर जाहिर नही होने देता
आंखे कभी अश्को से भरने नही देता
टूट जाऊ कितना भी मैं
मगर इन्हें बिखरने नही देता ।।

दर्दभरी मोहब्बत ने बहुत जख्म दिए
ज़माने ने भी सारे रिश्ते तोड़ दिए
तुमने जो वादे किये थे वो भी
आज सारे तोड़ दिए ।।

हवाएं सरफरोश मेरा पता पूछती हैं
शाम-ए-बसर मेरे निशां पूछती हैं
इस ख़ुदग़र्ज़ से दिल की आह की
क्या कहूं के धड़कन वजह पूछती है ।

45 + 2 Line Dard bhari Shayari And Quotes !

और भी कर देता है मेरे दर्द में इज़ाफ़ा,
तेरे रहते हुए गैरों का दिलासा देना।

सब सो गए अपना दर्द अपनों को सुना के,
कोई होता मेरा तो मुझे भी नींद आ जाती।

आज कल लोग मजाक का सहारा
लेकर दिल की बाते कह देते हैं।

वो आज फिर से मिले अजनबी बन गए,
और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।

मेरे दिल में जो भी आरोप हैं, वे मुझे रुलाते हैं,
किसी की बेरुखी, किसी को परेशान करने की सजा,
मेरा दिल तोड़ कर उसने बड़ी आसानी से मुझे अलविदा कह दिया,
लेकिन यह मेरे हालात थे जिसने मुझे विश्वासघाती बना दिया!

आदमी कभी इंसान को धोखा नहीं देता,
बल्कि स्वयं मनुष्य
मेरी उम्मीदों को धोखा दिया है,
जिसे वह दूसरों से अपने लिए रखता है।

प्यार वो गुनाह है जो हमने खुशी खुशी तुमसे किया,
लेकिन प्यार में इंतजार करना ही सजा है
कौन अभी भी इंतज़ार कर रहा है?

रोने की कोई सजा नहीं है
ये दर्द तो बस मोहब्बत निभाने की सजा है।
हंसते हो तो आँखो से आंसू निकल आते है,
बस यही उसके दिल की सजा है!

दर्द का रिश्ता पुराना है दिल से
बेवफा होना कोई नई बात नही

मैं हर समय यही सोचता हूं
मेरे प्यार में क्या कमी थी
जिसने मेरा दिल तोड़ा वो चला गया
मैं अभी भी इसे संभाल नहीं सकता!

हम उनकी उम्मीद के लिए दुनिया बनाते रहते हैं
पल पल वो भी हमें तरसता रहा।
जब हमारा दिल प्यार में मरना चाहता था
हम मर गए और वो मुस्कुरा कर चले गए।

प्यार में उसकी हरकतें कातिल लगती हैं
आँखे भी नशीली लगती है,
होंठ अक्सर रूखे रहते हैं
आंखें भी नम हो जाती हैं।

शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं, लिखते नहीं,
वरना कागजों पर लफ्जों के जनाज़े उठते।
करो हर बार छोड़ेंगे तुमको
न ही ईंटें आम है न तेरे बस की बात है

कैसे करें बयाँ तुझसे दर्द की इन्तहा को अब्बास
अपनी ही निगाहों की नमी देख कर रो पड़े आज हम

कहा तलाश करो गे मुझ जैसा शख्स
जो तुम से जुदा भी रहे और तुमसे मोहबात भी करे

ज़िन्दगी यु भी कम है मोहब्बत के लिए
यु रूठ के वक़्त गुजारने की ज़रूरत किया है

मुस्कुराने से भी होता है दर्द-ए-दिल बयां,
किसी को रोने की आदत हो ये जरूरी तो नहीं।

रो रो कर वो हमें अपना दर्द बयां करते रहे,
हमारे तन्हाई में आँखें चुराते रहो,
बेवफ़ा का ख़िताब मिला हमें,
लेकिन हम मुस्कुराते रहते हैं
और उनसे सारा दर्द छुपाती रही।

हमारे दिल में बहुत दर्द है, लेकिन
हमें इसका एहसास नहीं है
जब हमारा दिल रोता है,
जब वह हमारे साथ नहीं है।

दाद देते है हम तुम्हारे नज़र अंदाज़ करने के हुनर को
जिस ने भी सिखाया है वो उस्ताद कमाल का होगा

सारे जमाने में बंट गया ‘वक्त उनका’
हमारे हिस्से में सिर्फ बहाने ही आए.!

नही कोई इस जहां में मुझे समझने वाला
एक आस थी तुझे वो भी टूट गई…

किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,
करके इश्क़ कोई ना बच सका,
जो बच गया उसे तन्हाई ने मार डाला।

ना वो सपना देखो जो टूट जाए,
ना वो हाथ थामो जो छूट जाए,
मत आने दो किसी को करीब इतना कि,
उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाए।

एक नया दर्द मेरे दिल में जगा कर चला गया,
कल वो फिर मेरे शहर में आकर चला गया,
जिसे ढूंढते रहे हम लोगों की भीड़ में,
मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया।

कब्र में दफनाते ही सारे रिश्ते टूट जाते हैं,
चंद दिनों में अपने अपनो को भूल जाते हैं,
कोई नही रोता उम्र भर के लिए,
वक्त के साथ साथ आसूं भी सूख जाते हैं।

दर्द में हम तो अपने आसूं
हंसते हंसते पी लेते हैं,
जहर जुदाई का सीने में लेकर,
हंसते हंसते जी लेते हैं।

आखिर कह ही डाला उसने एक दिन,
इस कदर टूटे हो बिखर क्यों नही जाते..
कब तक जिओगे ये दर्द भरी जिंदगी,
किसी रात खामोशी से मर क्यों नही जाते..!

तुम ने चाहा ही नही, हालात बदल सकते थे,
तेरे आसूं मेरी आंखों से निकल सकते थे,
तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह,
दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे…

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गई,
किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गई,
महकती फिज़ा की खुशबू में जो देखा प्यार को,
बस याद उनकी आई और रुलाती चली गई।

शायद जब नींद खुली तो पलकों में पानी था मेरे ख्वाब मुझ पर रोगए
शायद जिस किसी को भी चाहो वह बेवफा हो जाता है सर अगर
झुका हो तो सनम खुदा हो जाता है जब तक काम आते रहो हमसफर कहलाते रहो