क्या दुनिया में जनसंख्या वृद्धि (population growth) हो रही है ?
विश्व की जनसंख्या (population) अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही है, जो हमारे पर्यावरण, लोगों के स्वास्थ्य और सामाजिक ढांचे पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है । संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ग्लोबल डेमोग्राफिक इंडिकेटर्स का डाटा दिखाता है कि दुनिया की जनसंख्या करीब 8 अरब के ऊपर पहुंच चुकी है।
विश्व की जनसंख्या अगले 30 वर्षों में लगभग 2 अरब व्यक्तियों तक बढ़ने की उम्मीद है , जो मौजूदा 8 अरब से 2050 में 9.7 अरब हो जाएगी और 2080 के दशक के मध्य में लगभग 10.4 अरब तक पहुंच सकती है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है।
विश्व की जनसंख्या को एक अरब तक बढ़ने में सैकड़ों हजारों वर्ष लग गए, फिर लगभग 200 वर्षों में, यह सात गुना बढ़ गई। 2011 में, वैश्विक जनसंख्या सात अरब के आंकड़े तक पहुंच गई, 2021 में यह लगभग 7.9 अरब हो गई और 2030 में इसके बढ़कर लगभग 8.5 अरब, 2050 में 9.7 अरब और 2100 में 10.9 अरब होने की उम्मीद है।
यह सभी आंकड़े प्रदर्शित करते हैं कि वास्तव में विश्व की जनसंख्या बढ़ रही है जो संपूर्ण विश्व के लिए खतरा का विषय बना हुआ है।
जनसंख्या को प्रभावित करने वाले कारक क्या है ?
जन्मदर (Natality), मृत्युदर (Mortality), समष्टि दोलन, आयु, वितरण, जैविक क्षमता, समष्टि प्रसार तथा जैविक कारक अनुक्रिया आदि जनसंख्या को प्रभावित करने वाले कारक हैं।
भारत में जनसंख्या वृद्धि होने के प्रमुख कारण क्या है ?
मृत्यु दर में तेज़ गिरावट भारत की जनसंख्या में वृद्धि की दर का मुख्य कारण है। 1980 तक उच्च जन्म दर एवं मृत्यु दर में लगातार गिरावट के कारण जन्म दर तथा मृत्यु दर में काफी बड़ा अंतर आ गया एवं इसके कारण जनसंख्या वृद्धि दर अधिक हो गई।
इसके अलावे चिकित्सा सेवाओं में वृद्धि, कम आयु में विवाह, निम्न साक्षरता, परिवार नियोजन के प्रति विमुखता, गरीबी और जनसंख्या विरोधाभास आदि ने जनसंख्या बढ़ाने में योगदान किया है। मृत्यु दर में निरंतर गिरावट और प्रजनन स्तर में अपेक्षाकृत कम परिवर्तन होना, जनसंख्या में तेजी से हो रही वृद्धि का प्रमुख कारण है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि की क्या-क्या समस्याएं हैं ?
० कृषि क्षेत्र में:- जनसंख्या वृद्धि के फलस्वरुप कृषि क्षेत्र में भूमि का बटवारा अधिक होने लगा है कृषि भूमि में उन्नत खेती में बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
० खाद्यान्न की समस्या:- जनसंख्या में वृद्धि के कारण खाद्यान्न की कमी होने लगती है। कृषि क्षेत्र में अधिकांश उत्पादन खाद्यान्नों के रूप में होने लगता है। जिससे अन्य कृषि उपजे जो व्यापारिक उपयोग में लाई जा सकती है उनका उत्पादन कम हो जाता है।
० रोजगार की समस्या :- जनसंख्या की अधिकता से रोजगार की कमी होने लगती है। भारत में 3 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हैं।
० प्रतिव्यक्ति आय:- जनसंख्या में वृद्धि होने के कारण प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई देती है। यद्यपि राष्ट्रीय आय में बहुत अधिक वृद्धि हुई है।
० स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र की समस्याएं:– जनसंख्या वृद्धि की दर के अनुरूप गृह, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में वृद्धि नहीं होने के कारण मूलभूत आवश्यकताओं में कमी आ जाती है।
० उपभोक्ता वस्तुओं में कमी:- जनसंख्या वृद्धि के कारण उपभोक्ता वस्तुओं की कमी हो जाती है। मांग बढ़ने के कारण मूल्य वृद्धि होने लगती है। विकास योजनाओं का मूल्य बढ़ने लगता है। जिससे जनसामान्य की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है।
० अन्य समस्याएं :- भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी बढ़ने और महंगाई बढ़ने के कारण अनेक सामाजिक समस्याएं पैदा होने लगती हैं। चोरी, डकैती, जैसे अपराधिक गतिविधियां बढ़ने लगती है। जनसंख्या वृद्धि देश के आर्थिक विकास में भी बाधक होती है। कृषि योग्य भूमि पर जनसंख्या का दबाव बढ़ता जा रहा है।
पृथ्वी की अधिकतम क्षमता वाहन करने की कितनी है ?
कई वैज्ञानिक का मानना हैं कि पृथ्वी की अधिकतम क्षमता 9 अरब से 10 अरब लोगों की वहन करने की है।
मानवीय गतिविधियाँ दशकों पहले पृथ्वी की ‘स्व-मरम्मत’ सीमा को पार कर गईं, जब हमारी सभ्यता के प्रभाव ने संसाधनों को पर्यावरण की उन्हें बदलने की क्षमता से कहीं अधिक उपभोग करना शुरू कर दिया। पृथ्वी कितने मनुष्यों को समायोजित कर सकती है? पृथ्वी की वहन क्षमता 1970 में पहुँच गई थी।
वहन क्षमता अथवा जनसंख्या वहन क्षमता क्या है ?
वहन क्षमता अथवा जनसंख्या वहन क्षमता किसी भौगोलिक क्षेत्र के पारितंत्र में किसी जीवधारी प्रजाति की उस अधिकतम जनसंख्या के रूप में परिभाषित की जाती है जिसे उस पारितंत्र के संसाधन पोषण प्रदान कर सकते हों। स्पष्ट है कि वहन क्षमता से अधिक जनसंख्या वृद्धि उस पारितंत्र पर दबाव डालेगी और अत्यधिक वृद्धि उस तंत्र के विफल होजाने का कारण भी बन सकती है।
पारितंत्र की वहन क्षमता से अधिक जनसंख्या वृद्धि हो जाना जनसंख्या उत्क्षेप (Population overshoot) कहा जाता है।
विद्वानों का मानना है कि मनुष्य जनसंख्या वृद्धि द्वारा पृथ्वी के पर्यावरण (वैश्विक पारितंत्र) पर दबाव डाल रहा है क्योंकि मानव जनसंख्या पहले ही अधिकतम वहन क्षमता का स्तर पार कर चुकी है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के क्या क्या समाधान है ?
देश की जनसंख्या को आकार एवं संरचना की दृष्टि से सुनियोजित तरीके से किस प्रकार आत्मसात किया जाए जिससे देश का आर्थिक विकास भी हो साथ ही राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि हो इसके लिए सरकार ने जनसंख्या नीति बनाई है जो कि इस प्रकार है।
इस जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए लोगों ने कई SLOGAN भी जारी कीये जैसे:-
हम दो हमारे दो!
बच्चे दो ही अच्छे!
० न्यूनतम विवाह योग्य आयु:- जनसंख्या नीति के अनुसार सरकार ने लड़कियों की विवाह आयु पहले 15 वर्ष रखी थी लेकिन जनसंख्या की वृद्धि को देखते हुए इसे 15 से अब बढ़ाकर 18 वर्ष और लड़कों की आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी है।
० नगद प्रोत्साहन:- परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत नसबंदी करवाने वाले व्यक्तियों को नगद राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाती है।
० समूह अभिप्रेरणा:- पंजीकृत स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा परिवार नियोजन के लिए अनेक तरह के प्रोत्साहन दिए जाते हैं।
० प्रचार माध्यमों का उपयोग:- सही तरह के प्रचार माध्यमों का उपयोग परिवार नियोजन के लिए लोगों को जागरूक बनाने के लिए किया जाता है।
० शिक्षा पर जोर:- बढ़ती हुई जनसंख्या के प्रति बालक बालिकाओं को जागरूक बनाने हेतु ऐसे पाठ्यक्रम को पाठ्य पुस्तक में रखा गया है जिससे वे स्वयं की इस दिशा में जिम्मेदारियों को समझें साथ ही लड़कियों की शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाए।
इन सबके अलावा व्यक्ति को स्वयं में जागरूक होना होगा और जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों को समझना होगा तथा समाधान के उपाय हेतु समाज में खुद को बेहतर साबित करना होगा। यही जनसंख्या वृद्धि को रोकने का एकमात्र उपाय है।
FAQ
Q) जनसंख्या वृद्धि के तीन प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं ?
प्रवास, जन्म दर, मृत्यु दर जनसंख्या वृद्धि के तीन प्रमुख कारक है।
Q) भारत में जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारक क्या है ?
प्रजनन दर, मृत्यु दर आप्रवास, और उत्प्रवास भारत में जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारक हैं।
Q) 2023 तक विश्व की कुल जनसंख्या कितनी है ?
2023 तक विश्व की कुल जनसंख्या 8 अरब यानी 800 करोड़ हो चुकी है।
Q) 2023 तक भारत की कुल जनसंख्या कितनी है ?
2023 तक भारत की कुल जनसंख्या 1.429 अरब हो चुकी हैं।
Q) विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश कौन सा है ?
चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है।