Osho Quotes And Thoughts In Hindi

80+  ओशो के प्रेरणादायक कोट्स और थॉट

ओशो का असली नाम ” रजनीश ” था जो चलकर बाद में अध्यात्म जीवन की शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपना नाम ” ओशो ” हो गया ओशो एक महान आध्यात्मिक गुरु और दार्शनिक थे। 11 दिसंबर 1931 को मध्यप्रदेश के कुचवाड़ा में जन्में ओशो को पूरी दुनिया में लाखों करोड़ों अनुयायी हैं। ओशो बचपन से हूं गंभीर और शांत बच्चों में थे | ओशो की छवि बाकी धार्मिक और अध्यात्मिक गुरु से बिल्कुल अलग थी। ओशो का मानना था कि जीवन में धर्म और जीवन दोनों एक दूसरे के पूरक है और हमें अपने जीवन को कदर करनी चाहिए तथा अपनी इच्छाओं को पूरा करना चाहिए | ओशो का नजरिया धर्म को लेकर बिल्कुल अलग था |

मुर्ख दुसरों पर हसंते हैं, बुद्धिमता ख़ुद पर।

जीवन का कोई महत्त्व नही है। खुश रहो! फिर भी जीवन का कोई महत्त्व नही होंगा।
नाचो, गाओ, झुमो! फिर भी जीवन का कोई महत्त्व नही होंगा।
आपको विचारशील (Serious) बनने की जरुरत है। ये एक बहोत बड़ा मजाक होंगा।

“आधे-अधूरे ज्ञान के साथ कभी आगे ना बढे। ऐसा करने पर आपको
लगेंगा की आप अज्ञानी हो, और अंत तक अज्ञानी ही बने रहोंगे।

“प्यार की सर्वश्रेष्ट सीमा आज़ादी है, पूरी आज़ादी। किसी भी रिश्ते
के खत्म होने का मुख्य कारण आज़ादी का न होना ही है।”

“मेरे ज्ञान ने मुझे सभी चीजो से मुक्ति दिलवाई जिसमे स्वयम ज्ञान भी शामिल है।”

“यंहा कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं हैं,
हर कोई अपनी तक़दीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा हैं।

अज्ञानी बने रहना अच्छा है, कम से कम अज्ञान तो इसमें आपका होता है।
ये प्रामाणिक है, यही सच, वास्तविकता और इमानदारी है।

“यदि आप प्यार से रहते हो, प्यार के साथ रहतो हो,
तो आप एक महान जिंदगी जी रहे हो,
क्योकि प्यार ही जिंदगी को महान बनाता है।

“प्यार तभी सच्चा होता है जब कोई एक दुसरे के व्यक्तिगत मामलो में दखल ना दे।
प्यार में दोनों को एक-दुसरे का सम्मान करना चाहिये।”

कैद के अलावा कुछ भी दुःख नहीं है.

“प्यार एक पक्षी है जिसे आज़ाद रहना पसंद है।
जिसे बढ़ने के लिए पुरे आकाश की जरुरत होती है।”

“कर्म नहीं बांधते, करता बांध लेता है, कर्म नहीं छोड़ता है,
करता छुट जाये तो छुटना हो जाता है।

जो विचार के गर्भाधान के विज्ञान को समझ लेता है वह
उससे मुक्त होने का मार्ग सहज ही पा जाता है।

“एक बार जब मै यात्रा कर रहा था तभी किसी ने मुझसे पूछा की इंसानी
शब्दकोश में सबसे महत्वपूर्ण शब्द कोनसा है।मैंने नम्रता से जवाब दिया, “प्यार”।”

“दोस्ती ही सबसे शुद्ध (बड़ा, निर्मल) प्यार है। प्यार करने का ये सबसे
ऊँचा स्तर है जहा किसी भी परिस्थिती के लिए किसे से नही पूछा जाता,
सिर्फ और सिर्फ एक दुसरे को खुशी दी जाती है।”

समर्पण तो वह करता है, जो कहता है की मेरे पास तो कुछ भी नहीं है,
मै तो कुछ भी नहीं हु – जो दावा कर सकू की मुझे मिलना चाहिए।
मै तो सिर्फ प्रार्थना कर सकता हु, मै तो सिर्फ चरणों में
सिर रख सकता हु,मेरे पास देने को कुछ भी नहीं है।

“यदि आप खुद अपनी कंपनी का आनंद नही लेते हो,
तो कोई और उस से आनंदित कैसे हो सकता है?

“आपके जैसा इंसान दुनिया में कभी नही होंगा, दुनिया में अभी आपके
जैसा दूसरा इंसान कही नही है, और ना ही आपके जैसा कभी भविष्य में कोई होंगा।”

“अगर आप सच देखना चाहते हैं, तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये।

वह इंसान जो अकेले रहकर भी खुश है असल में वही इंसान कहलाने योग्य है।
यदि आपकी ख़ुशी दूसरो पर निर्भर करती है तो आप एक गुलाम हो।
अभी आप पूरी तरह से मुक्त नही हुए हो अभी आप बंधन (गुलामी) में बंधे हो।

“आत्महत्या आपको कही नही ले जाती, साधारणतः यह हमें हमारी चेतना
(गर्भाशय) में छोटे रूप (स्तर) में ले जाती है। क्यू की आत्महत्या से ये
साबित होता है की हम बड़े रूप (स्तर) में जीने के काबिल नही है।

मुझे आज्ञाकारी लोगो जैसे अनुयायी नही चाहिये। मुझे बुद्धिमान
दोस्त चाहिये, जो यात्रा के समय मेरे सहयोगी हो।

“जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन हैं।

श्रेष्टता से सोचने वाला हमेशा तुच्छ कहलाता है, क्योकि ये एक ही सिक्के के दो पहलु है।

“वह इंसान जो भरोसा करता है वह जिंदगी में आराम करता है।
और वह इंसान जो भरोसा नही करता वह परेशान, डरा हुआ और कमजोर रहता है।

“बुद्धि कभी भी एक सीमा में रहने से नही बढती, बुद्धि तो प्रयोगों से बढती है।
बुद्धि हमेशा चुनौतियों को अपनाने से ही बढती है।”

“ये कोई मायने नही रखता है की आप किसे प्यार करते हो,
कहा प्यार करते हो, क्यों प्यार करते हो, कब प्यार करते हो
और कैसे प्यार करते हो, मायने केवल यही रखता है की आप प्यार करते हो।”

“असली सवाल यह है की भीतर तुम क्या हो ? अगर भीतर गलत हो,
तो तुम जो भी करगे, उससे गलत फलित होगा।
अगर तुम भीतर सही हो, तो तुम जो भी करोगे, वह सही फलित होगा।

जो ‘जानता’ है वो जानता है कि बताने की कोई ज़रूरत नहीं. जानना काफ़ी है.

तनाव का अर्थ है कि आप कुछ और होना चाहते हैं जो कि आप नहीं हैं.

किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं हैं।
आप स्वयं में जैसे हैं, एकदम सही हैं, ख़ुद को स्वीकारिये।

जब तक आदमी सृजन की कला नहीं जानता
तब तक अस्तित्व का अंश नहीं बनता।

“एक राजा की तरह जिंदगी जिये।”जिंदगी कोई
मुसीबत नही है बल्कि ये तो एक खुबसूरत तोहफा है।”

प्रेम एक आध्यात्मिक घटना है, वासना भौतिक. अहंकार मनोवैज्ञानिक है, प्रेम आध्यात्मिक.

अपने मन में जाओ, अपने मन का विश्लेषण करो. कहीं न कहीं तुमने खुद को धोखा दिया है.

खुद में जीवन का कोई अर्थ नहीं. जीवन अर्थ बनाने का अवसर है.

शामिल करो और बढ़ो. शामिल करो और विस्तार करो.

“यथार्थवादी बनें: जीवन में सफल होने का योजना बनाएं।”

जो कुछ भी महान है, उस पर किसी का अधिकार नहीं हो सकता.
और यह सबसे मूर्ख बातों में से एक है जो मनुष्य करता है – मनुष्य अधिकार चाहता है.

अंधेरा, प्रकाश की अनुपस्थिति है. अहंकार, जागरूकता की अनुपस्थिति है.

किसी के साथ किसी भी प्रतियोगिता की कोई ज़रूरत नहीं है.
तुम जैसे हो अच्छे हो. अपने आप को स्वीकार करो.

अनुशासन क्या है? अनुशासन का मतलब आपके भीतर एक व्यवस्था
निर्मित करना है. तुम तो एक अव्यवस्था, एक केऑस हो.

तुम जीवन में तभी अर्थ पा सकते हो जब तुम इसे निर्मित करते हो. जीवन एक
कविता है जिसे लिखा जाना चाहिए. यह गाया जाने वाला गीत, किया जाने वाला नृत्य है.

कोई विचार नहीं, कोई बात नहीं, कोई विकल्प नहीं – शांत रहो, अपने आप से जुड़ो.

तुम्हें अगर कुछ हानिकारक करना हो तभी ताकत की
जरूरत पड़ेगी वरना तो प्रेम पर्याप्त है, करुणा पर्याप्त है.

जब भी कभी तुम्हें डर लगे, तलाशने का प्रयास करो.
और तुमको पीछे छिपी हुई मृत्यु मिलेगी.
सभी भय मृत्यु के हैं. मृत्यु एकमात्र भय-स्रोत है.

एक भीड़, एक राष्ट्र, एक धर्म, एक जाति का नहीं पूरे अस्तित्व का हिस्सा बनो.
अपने को छोटी चीज़ों के लिए क्यों सीमित करना सब संपूर्ण उपलब्ध है?

जितनी ज़्यादा ग़लतियां हो सकें उतनी ज़्यादा ग़लतियां करो.
बस एक बात याद रखना: फिर से वही ग़लती मत करना.
और देखना, तुम प्रगति कर रहे होगे.

तलाशो मत, पूछो मत, ढूंढो मत, खटखटाओ मत, मांगो मत – शांत हो जाओ.
तुम शांत हो जाओगे – वो आ जाएगा. तुम शांत हो जाओगे – उसे यहीं पाओगे.
तुम शांत हो जाओगे तो अपने को उसके साथ झूलते हुए पाओगे.

इससे पहले कि तुम चीजों की इच्छा करो, थोड़ा सोच लो.
हर संभावना है कि इच्छा पूरी हो जाए, और फिर तुम कष्ट भुगतो.

यदि आप एक फूल से प्यार करते हैं, तो उसे मत उठाओ।
क्योंकि अगर आप इसे उठाते हैं तो यह मर जाता है
और यह वह नहीं रह जाता जिसे आप प्यार करते हैं।
तो अगर तुम एक फूल से प्यार करते हो, तो रहने दो।
प्यार कब्जे के बारे में नहीं है। प्यार प्रशंसा के बारे में है।

“असली सवाल यह नहीं है कि मृत्यु के बाद जीवन मौजूद है या नहीं।
असली सवाल यह है कि क्या आप मौत से पहले जिंदा हैं।

“जब मै ये कहता हु की तुम ही भगवान हो तुम ही देवी हो
तो मेरा मतलब यह होता है की तुम्हारी संभावनाये अनंत है
और तुम्हारी क्षमता भी अनंत है।

“हमेशा सावधान रहे, अपने अंतकरण में झांके, आप पओंगे की आप नकारात्मक
विचारो से जुड़े हो और ये नकारात्मक विचार आपका अहंकार ही है।”

“प्यार एक शराब है। आपने उसका स्वाद लेना चाहिये, उसे पीना चाहिये,
उसमे पूरी तरह से डूब जाना चाहिये। तभी आपको पता चल पायेंग की वह क्या है।”

“जिस समय आपको आपके प्यार और आपके सच में से किसी एक को
चुनना पड़ता है तब आपका सच ही आपके लिए निर्णायक साबित हो सकता है।”

“अपने भूतकाल का अनावश्यक बोझ ना रखे। केवल उन्ही
विषयो के नजदीक जाए जिसे आपने पढ़ा हो,
ऐसा करने से कभी आपको बार-बार पीछे मुड़ने की जरुरत नही होंगी।”

जिंदगी एक आइना है, जो हमारे ही चेहरे की प्रतिकृति दिखाता है।

“जिंदगी में हमेशा दोस्ती से रहे तब तभी आपके जीवन में मित्रता बनी रहेंगी।

“प्रश्न ये नही है की क्या मृत्यु के बाद भी जिंदगी रहेंगी,
प्रश्न तो ये है की क्या आप मृत्यु से पहले जिंदगी जी सकोंगे।”

“परिणाम पाने के लिए आसानी से आगे बढ़ते रहे,
भगवान के आदेश से ही सारे काम संपन्न होते है।”

बनें – बनने की कोशिश न करें।”

“आपका दिल ही आपका सबसे बड़ा शिक्षक है, आपको उसी की सुननी चाहिये।
लेकिन जीवन की यात्रा में आपका अंतर्ज्ञान ही आपका शिक्षक होता है।

एक बच्चे को विशाल एकांतता की जरुरत होती है,
उसे ज्यादा से ज्यादा एकांतता में रहने देना चाहिये,
ताकि वह अपनेआप को विकसित कर सके।

“यदि आप तुलना करना छोडो तो जिंदगी निश्चित ही बहोत सुन्दर है।
यदि आप तुलना करना छोड़ दो तो आपकी जिंदगी खुशियों से भरी होंगी।”

“ये दुनिया एक खेल है। जहा आज भी जितने वाले हारने के समान है और
हारने वाले जितने के समान है, इसी तरह जिंदगी भी एक खेल है।
जहा कुछ कहते है की वे नही जानते और कुछ जानते है की वे नहीं कहते।”

“जो लोग ये पूछते है की जीवन का क्या महत्त्व है? असल में ऐसे लोगो ने
जीवन को ही खो दिया है। वे सिर्फ अपनी सांस लेने के वजह से ही जिंदा है
बाकी अंदर से तो वो कबके मर चुके होते है।”

अपने रिश्ते में हमेशा सुखद रहे, तन्हाई में हमेशा सतर्क रहे। ये दोनों बातो
आपके लिए हमेशा मददगार साबित होंगी क्योकि ये बाते एक पक्षी के दो पंखो के समान है।

“सिर्फ आपके पाप ही आपको दुखी कर सकते है।
जो आपको अपने आप से दूर ले जाने की कोशिश करते है,
ऐसी चीजो को अनदेखा करना ही बेहतर होंगा।

“एक महिला विश्व की सबसे सुन्दर कृति है,
उसकी किसी से भी तुलना ना करे।
भगवान द्वारा की गयी यह एक उत्कृष्ट कृति है।”

मानवी कामुकता पर खुलेआम अपने विचारों को रखने वाले
ओशो ने लोगों की आलोचनाओं की फिक्र किए बिना जिंदगी की
सच्चाई को लोगों तक पहुंचाया जिसकी वजह से उन्होंने
कई लोगों का ध्यान भी अपनी तरफ आर्कषित किया।

ओशो ने किताबों के माध्यम से भी रुढिवादी भारतीय धर्म
और अनुष्ठानों की आलोचना की और कई मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे।

इसके साथ ही उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों के माध्यम से दुनिया भर के
बुद्धिजीवियो, साहित्यकारों और वैज्ञानियों को प्रभावित किया।

वहीं ओशो के इन अनमोल विचारों को पढ़कर आपको खुद को
समझने और मुसीबतों से छुटाकारा पाने में मद्द मिलेगी।

“कोई चुनाव मत करिए, जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में हैं।

“प्यार जब सहज, अचानक, बिना अभ्यास किया हुआ, असंस्कृत,
और बिना सोचे होता है तभी वह सच्चा कहलाता है।”

“आपके अलावा कोई कोई आपकी परिस्थिती के लिए जिम्मेदार नही है।
कोई आपको गुस्सा नही दिला सकता और कोई आपको खुश भी नही कर सकता।”

“जिंदगी अपने आप में ही बहोत सुन्दर है,
इसीलिए जीवन के महत्त्व को पूछना ही सबसे बड़ी मुर्खता होंगी।”

जिंदगी वहीं से शुरू होती है जहां डर खत्म होता है।”

“जीवन को हर संभव तरीके से अनुभव करें –
अच्छा, बुरा, कड़वा-मीठा, अंधेरा, हल्का, गर्मी, सर्दी।
सभी द्वैत का अनुभव करें। अनुभव से डरो मत,
क्योंकि आपके पास जितना अधिक अनुभव होगा,
आप उतने ही अधिक परिपक्व होंगे।”

“जब मैं कहता हूँ कि रचनात्मक बनो तो मेरा मतलब यह नहीं है
कि तुम सब जाकर महान चित्रकार और महान कवि बनो।
मेरा सीधा सा मतलब है कि अपने जीवन को एक पेंटिंग बनने दो,
अपने जीवन को एक कविता बनने दो।