90 + श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के अनमोल वचन(Shree Guru Gobind Singh Ji Anmol Vachan)
गुरु गोबिंद सिंह जी (Shree Guru Gobind Singh Ji)सिखों के दसवें और आखिरी गुरु होने के साथ ही एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता भी थे। उन्होंने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को भी पूरा किया | श्री गुरु गोबिंद सिंह जी (Shree Guru Gobind Singh) का जन्म 22 दिसम्बर 666 ईस्वी में पटना साहिब में श्री तेगबहादुर जी जे घर माता गुजरी जी की कोख से हुआ |जिस समय उनका जन्म हुआ तब यहा मुगल बादशाह औरंगजेब का शासन था | उसकी शाही सेना भारतीय जनता पर बहुत जुल्म किया करती थी और उसने देश भर में अपने सभी गर्वनरो को आदेश जारी कर दिया कि हिन्दुओ के मन्दिर गिरा दे | कश्मीर में मन्दिर गिरने लगे और हिन्दुओ को मुसलमान बनाया जाने लगा | गुरु गोविंद सिंह जी मानव जीवन के लिए पूरे जीवन समर्पित कर दिया | हमारे वेबसाइट पर गुरु गोविंद सिंह जी के वचन आसान भाषा में उपलब्ध है |
इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है.
स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है.
भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है,
भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं।
मुझे उसका सेवक मानो. और इसमें कोई संदेह मत रखो।
जब कोई व्यक्ति अपने भीतर से स्वार्थ उन्मूलन करता है तो वह
अपने अंदर सबसे बड़ा आराम और स्थायी शांति कि अनुभूति करता है।
जो लोग भगवान के नाम पर ध्यान करते हैं,
वे सभी शांति और सुख प्राप्त करते हैं.
सच्चे गुरु की सेवा करते हए स्थायी शांति प्राप्त होगी,
जन्म और मृत्यु के कष्ट मिट जायेंगे.
जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे
तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी.
ये मित्र संगठित हैं, और फिर से अलग नहीं होंगे,
उन्हें स्वंय सृजनकर्ता भगवान् ने एक किया है.
चिड़िया ते में बाज़ लड़ावा, गिद्रं तो में शेर बनाउन,
सवा लाख से एक लड़ावा, तबे गोबिंद सिंह नाम कहउँ.
सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से,
भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं.
अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं.
अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।
इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
मैं उन लोगों को पसंद करता हूं,
जो हमेशा सच्चाई की राह पर चलते हैं।
भगवान ने हम सभी को जन्म दिया है ताकि हम इस संसार में
अच्छे कार्य करें और समाज में फैली बुराई को दूर करें
ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में
अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें.
इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है.
अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं.
अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है.
जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए.
मुझे उसका सेवक मानो. और इसमें कोई संदेह मत रखो.
जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है.
आप सदैव दिन-रात, हमेशा ईश्वर का स्मरण करें
असहायों पर अपनी तलवार चलाने के लिए उतावले मत हो,
अन्यथा विधाता तुम्हारा खून बहायेगा.
उसने हेमशा अपने अनुयायियों को आराम दिया है
और हर समय उनकी मदद की है.
हे ईश्वर मुझे आशीर्वाद दें कि मैं कभी अच्छे कर्म करने में संकोच ना करूँ.
ये मित्र संगठित हैं, और फिर से अलग नहीं होंगे,
उन्हें स्वयम सृजनकर्ता भगवान् ने एक किया है.
सबसे महान सुख और स्थायी शांति तब प्राप्त होती है
जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देता है.
दिन-रात, हमेशा ईश्वर का ध्यान करो.
हर कोई उस सच्चे गुरु की जयजयकार और प्रशंसा करे
जो हमें भगवान की भक्ति के खजाने तक ले गया है.
भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के
विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं.
आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं.
मुझे उसका सेवक मानो. और इसमें कोई संदेह मत रखो.
दिन-रात, हमेशा ईश्वर का ध्यान करो.
हर कोई उस सच्चे गुरु की जयजयकार और प्रशंसा करे जो
हमें भगवान की भक्ति के खजाने तक ले गया है
भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र
सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं.
आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं.
अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है.
मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है.
सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से,
भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं.
मैं लोगो को के पैरो में गिरता हु जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते है
जो लोग हर हाल में ईश्वर का नाम स्मरण करते है
वे ही लोग सुख और शांति प्राप्त करते है.
जो ईश्वर में विश्वास रखता है उनके संरक्षण में, जरूरत में,
जीवन के हर पथ पर ईश्वर उनका साथ देते है.
वह व्यक्ति हमेसा खुद अकेला पाता है जो लोगो के लिए
जुबान पर कुछ और दिल में कुछ और ही रखता है
आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है.
सत्कर्म कर्म के द्वारा, तुम्हे सच्चा गुरु मिलेगा,
और उसके बाद प्रिय भगवान मिलेंगे,
उनकी मधुर इच्छा से,
तुम्हे उनकी दया का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
सच्चे गुरु की सेवा करते हए स्थायी शांति प्राप्त होगी,
जन्म और मृत्यु के कष्ट मिट जायेंगे.
अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है,
वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है.
ईश्वर स्वयं क्षमाकर्ता है.
बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है.
बिना नाम के कोई शांति नहीं है.
सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिडियन ते मैं बाज तुडाऊं,
तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं।
अगर आप केवल अपने भविष्य के बारे में सोचते है
तो आप अपने वर्तमान को खो देंगे।
जब आप अपने अंदर बैठे अहंकार को मिटा देंगे,
तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।
इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए।
ईश्वर ने हमें जन्म दिया ताकि हम संसार में
अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें।
जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं,
तब हाथ में तलवार उठासा सही है।
असहायों पर अपनी तलवार चालने के लिए उतावले मत हो,
अन्यथा विधाता तुम्हारा खून बहायेगा।
दिन-रात हमेशा ईश्वर का ध्यान करो।
अज्ञान व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है,
वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है।
मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है,
और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है.
जो लोग भगवान के नाम पर ध्यान करते हैं,
वे सभी शांति और सुख प्राप्त करते हैं.
मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ,
जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है.
सेवक नानक भगवान के दास हैं,
अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं.
स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है.
उसने हेमशा अपने अनुयायियों को आराम दिया
है और हर समय उनकी मदद की है।
असहायों पर अपनी तलवार चलाने के लिए उतावले मत हो,
अन्यथा विधाता तुम्हारा खून बहायेगा।
शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना
हर कोई उस सच्चे गुरु की जयजयकार और प्रशंसा करे जो
हमें भगवान की भक्ति के खजाने तक ले गया है।
सत्कर्म कर्म के द्वारा, तुम्हे सच्चा गुरु मिलेगा,
और उसके बाद परमपिता परमेश्वर मिलेंगे,
उनकी इच्छा से, तुम्हे उनकी दया का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
किसी भी इंसान की चुगली-निंदा ना करे और किसी भी
इंसान से ईर्ष्या करने के बजाय अपने कार्यो पर ध्यान दे.
हमें उन सभी अनुष्ठानों को और उन विचारो को ह्रदय से
हटा देना चाहिए, जो हमें प्रभु की भक्ति से दूर ले जाती हो.
जो व्यक्ति दिन और रात परमत्मा का ध्यान करता है,
उसके लिए मै खुद को बलिदान करता हूँ.
आप अपनी जीविका को चलाने के लिए ईमानदारी पूर्वक काम करे.
जो लोग सच्चाई के मार्ग का अनुसरण करते है
और लोगो के प्रति दया का भाव रखते है ऐसे लोगो
के प्रति ही लोग करुणा और प्रेम का भाव रखते है.
हमेशा अपने दुश्मन से लड़ने से पहले,
साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें,
और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें.
अपने काम को लेकर लापरवाह ना बने में खूब मेहनत करें.
आप अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को
लेकर कभी भी घमंडी ना बने उससे हमेशा बचे.
अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं.
अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है.
आप अपनी जीविका को चलाने के लिए ईमानदारी पूर्वक काम करे।
आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है.
आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं।
उसने हेमशा अपने अनुयायियों को आराम दिया है
और हर समय उनकी मदद की है.
हे ईश्वर मुझे आशीर्वाद दें कि मैं कभी अच्छे कर्म करने में संकोच ना करूंं.