अकबर बीरबल और जादुई गधा की कहानी

एक बार अकबर ने अपनी रानी को एक बहुत कीमती हार उपहार में दिया जिसे उसने अपने कमरे में सुरक्षित रख लिया। लेकिन दुर्भाग्य से एक दिन हार गुम हो गया और रानी उसे ढूंढने में असमर्थ रही।

तब अकबर को पता चला कि पिछले कुछ दिनों में उसके महल से केवल हार ही नहीं बल्कि कुछ अन्य कीमती चीजें भी गायब हो गई हैं। स्थिति को हल करने में असमर्थ, उन्होंने बीरबल से मदद करने के लिए कहा।

इस रहस्य को सुलझाने के लिए बीरबल अपने एक मित्र जादुई गधे को साथ ले आया। उसने प्रत्येक संदिग्ध व्यक्ति को तंबू में अकेले जाने और गधे की पूंछ पकड़ने के लिए कहा और यदि वह व्यक्ति चोर होगा, तो गधा उसे पहचान लेगा और उसे एक अच्छी लात मारेगा। चोर के अलावा सभी ने बीरबल के निर्देश का पालन किया। जैसा कि बीरबल ने गधे की पूंछ पर एक शक्तिशाली गंध का छिड़काव किया था और चोर ने डर के मारे गधे की पूंछ को नहीं छुआ जिससे उसके हाथ पर गंध नहीं फैल सका जिसे बीरबल ने आसानी से भाप लिया और वह चोर पकड़ा गया।

कहानी की निष्कर्ष: एक चतुर विचार हमेशा समय बचाता है।