एक बार की बात है, एक गाँव में एक कपड़ा व्यापारी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। उनके पास एक प्यारी सी मुर्गी थी जो प्रतिदिन एक अंडा देती थी। यह कोई साधारण अंडा नहीं था; यह एक सोने का अंडा था। लेकिन वह आदमी उससे असंतुष्ट था जो उसे नियमित रूप से मिल रहा था। वह अपने धन में वृद्धि करना चाहता था।
वह आदमी अपनी मुर्गी के सारे सोने के अंडे एक ही बार में इकट्ठा करना चाहता था। तो एक दिन बहुत सोचने के बाद उसे एक तरकीब सूझी। उसने निर्णय लिया कि वह मुर्गी को मारकर सारे अंडे एकत्र कर लेगा।
अगले दिन जब मुर्गी ने सोने का अंडा दिया, तो उस आदमी ने उसकी गर्दन काट दी और उसके शरीर को चीर डाला। खून के सिवा कुछ नहीं मिला और कोई अंडा नहीं मिला। उसका दिल टूट गया था क्योंकि अब वह एक भी अंडा प्राप्त नहीं कर पाएगा।
दिन में एक अंडे से उसका जीवन सुचारू रूप से चल रहा था, लेकिन अचानक उसने अपने जीवन को दु:खद बना लिया था। अपने लालच के परिणामस्वरूप, वह दिन-ब-दिन गरीब और गरीब होता गया, अंततः उसके घर में खाने के भी लाले पड़ गए ।
कहानी का निष्कर्ष: आपके पास जो है उससे संतुष्ट रहें। अत्यधिक लालच खतरा का कारण बन सकता है।