अक्सर लोगों को गर्दन या फिर कान के पीछे छोटे-छोटे आकार के मस्से हो जाते हैं, जो कि महिलाओं को खासतौर पर परेशान करते हैं। ये मस्से गर्दन के अलावा कंधे पर भी हो सकते हैं और कभी-कभार ये पतले-पतले आकार के मांस के टुकड़े जैसे लटकते हुए भी दिखाई देते हैं। ये भले ही कैंसरकारी न हो लेकिन ये शरीर के दूसरे हिस्सों पर भी फैल सकते हैं। बहुत से हेल्थ एक्सपर्ट ये मानते हैं कि 30 की उम्र के बाद ये समस्या आम हो जाती है और महिलाओं के शरीर को ज्यादा प्रभावित करती है और उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करती है। अब आप सोच रहे होंगे कि इन्हें हटाने का तरीका क्या है? आपको बता दें कि कुछ प्राकृतिक तरीके ऐसे हैं, जो आपकी गर्दन और शरीर के बाकी हिस्सों से मस्सों को हटाने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं बिना किसी सर्जरी के इन मस्सों को हटाने का आसान तरीका।
चेहरे से मस्से हटाने के 10 प्राकृतिक उपाय क्या-क्या है (10 natural remedies to remove warts from the face)?
० टी ट्री ऑयल :
ये तेल त्वचा से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करने के काम आता है, जिसमें त्वचा पर लगे मस्से भी शामिल हैं। अगर आपको मस्से हटाने के लिए इस तेल का इस्तेमाल करना है तो आप सबसे पहले रुई के एक टुकड़े को तेल में डुबोएं और जहां पर मस्से हैं, उस जगह पर लगाकर बैंडेज लगा लें। इसे 10 मिनट तक लगा रहने दें और दिन में 3 बार तक ऐसा करें। एक सप्ताह के भीतर ये मस्से अपने आप निकल जाएंगे।
० सेब का सिरका :
मस्सों को हटाने के लिए सेब का सिरका उपयोगी पाया जाता है। उपयोग से पहले इसे हमेशा पतला करना चाहिए, क्योंकि यह प्रकृति में अत्यधिक अम्लीय होता है। आप इसमें थोड़ा सा पानी और एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इस मिश्रण को कॉटन बॉल का उपयोग करके मस्से पर लगाया जा सकता है और उस क्षेत्र को कुछ घंटों के लिए पट्टी से ढक दिया जा सकता है, जिससे मस्सा नरम हो जाएगा। लगातार एक सप्ताह तक ऐसा करने पर मस्सा स्वत: झड़ जाएगा।
० आयोडिन :
जी हां, आयोडिन लेकिन खाने वाला नहीं बल्कि लिक्विड आयोडिन भी त्वचा पर मौजूद मस्सों को निकालने का एक रामबाण प्राकृतिक तरीका है। इस नुस्खे को आजमाने के लिए आप नारियल तेल को रुई पर लगाएं और उसको आयोडिन में डुबोएं और बैंडेज से मस्से वाली जगह पर लगा लें। जब तक ये सूखे नहीं तब तक इसे हटाएं नहीं।
० एलोवेरा :
एलोवेरा की पत्ती को काटकर और उसमें से जेल निकालकर इसका उपयोग किया जा सकता है। फिर आप जेल को मस्से पर लगा सकते हैं। कुछ लोगों को यह उपाय काफी उपयोगी लगा है। एलोवेरा त्वचा के लिए अच्छा है।
० केले का छिलका :
केले के छिलके का इस्तेमाल लोग कई सालों से मस्सों को हटाने के लिए कर रहे हैं। आप केले के छिलके का एक टुकड़ा लेकर, इसे मस्से पर लपेट करके और रात भर सोते समय छोड़ कर इसका उपयोग कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि छिलके का अंदरूनी हिस्सा त्वचा को छूता रहे। इसे रोजाना इस्तेमाल करना मददगार हो सकता है।
० बेकिंग सोडा और अरंडी का तेल:
बेकिंग सोडा और अरंडी के तेल का गाढ़ा मिक्स तैयार करें। इसके लिए 2 चुटकी बेकिंग सोडा और कुछ बूंद अरंडी का तेल यानी कैस्टर ऑइल लें। इस मिक्स को मस्से पर लगा लें।
इस मिक्स को मस्से पर रात के समय सोने से पहले लगाएं। इसे लगाने के बाद ऊपर से बैंडेज लगा लें। यह बैंडेज रातभर के लिए लगी रहने दें। सुबह इसे हटाकर त्वचा को साफ कर लें। इस विधि को 3 से 5 दिन तक लगातार अपनाएं। विश्वास कीजिए आपका मस्सा पूरी तरह गायब हो जाएगा।
० लहसुन का पेस्ट :
लहसुन की कलियों को छीलकर इनका पेस्ट बना लें। चाहें तो आप इन्हें कद्दूकस भी कर सकते हैं। इस पेस्ट को मस्से पर लगाकर बैंडेज लगा लें। ध्यान रखें कि पेस्ट गाढ़ा होना चाहिए। ताकि यह आराम से मस्से पर टिक सके और जब आप बैंडेज लगाएं तो यह पेस्ट मस्से पर ही होना चाहिए। कुछ दिनों में आपको इसका रिजल्ट देखने को मिलेगा, जल्दी ही मस्से झड़ जाएंगे।
० तुलसी :
तुलसी के पत्तों से मस्सों से स्वाभाविक रूप से छुटकारा पाया जा सकता है। तुलसी को कूटकर उसे प्रभावित हिस्से पर रगड़ लें। इन्हें मस्से पर लगा रहने दें और किसी कपड़े से ढंक दें। यह प्राकृतिक उपाय मस्से की समस्या को दूर कर सकता है।
० बरगद के पत्तों का रस :
बरगद के पत्ते भी मस्से को जड़ से खत्म करने में इस्तेमाल कर सकते हैं। बस आप बरगद के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। इन्हें लगाने से मस्से के आसपास की त्वचा मुलायम हो जाती है। साथ ही मस्से अपने आप सूखकर झड़ जाते हैं।
० प्याज :
मस्से से छुटकारा पाने के लिए प्याज का रस भी कारगर है। आप बस प्याज को कद्दूकस से घिस लें या फिर प्याज को काटकर उसे मिक्सी में पीस लें। इसे छानने के बाद इसका रस निकालें। इस रस को रोजाना मस्से पर लगाने से कुछ ही दिन में मस्सा अपने आप सूखकर झड़ जाएगा।
मस्से हानिकारक हो भी सकते हैं और नहीं भी, आमतौर पर वे हानिरहित होते हैं। वे चेहरे, हाथ, पैर या यहां तक कि जननांगों पर भी दिखाई दे सकते हैं। कुछ प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके इन मस्सों को हटाया जा सकता है। हालाँकि ये सभी घरेलू उपचार वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हैं, लेकिन मस्सों को हटाने के लिए इनका उपयोग सदियों से प्रभावी ढंग से किया जाता रहा है। यदि आप इन मस्सों की उपस्थिति में कोई चिंताजनक परिवर्तन देखते हैं, तो आपको बेहतर समझ और उपचार के लिए चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए।
मस्सा (warts) क्या होता है ?
मानव पेपिलोमा वायरस की वजह से त्वचा पर होने वाला छोटा सा मांसल टुकड़ा ही मस्सा कहलाता है।
मस्से मानव पैपिलोमा वायरस के विभिन्न प्रकारों के कारण होते हैं। विभिन्न प्रकारों से मस्से शरीर के अलग-अलग भागों में होते हैं। मस्से शरीर में एक स्थान से दूसरे और संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं।
मस्सा क्यों हो जाता है ?
मस्से एक प्रकार का त्वचा संक्रमण है जो ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) के कारण होता है। संक्रमण के कारण त्वचा पर खुरदुरे, त्वचा के रंग के धब्बे बन जाते हैं। इस प्रकार के मस्से संक्रामक हो सकते हैं और संक्रमित व्यक्ति को छूने से आपको भी हो सकते हैं। लगभग दस प्रकार के मस्से होते हैं।
मस्से मुख्य रूप से संक्रमण के कारण होते हैं। मस्सा होने के कारण और भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं :
० मस्सा एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण के कारण होता है। यह वायरस 100 से अधिक प्रकार का होता है, जो त्वचा में छोटे-छोटे कट के माध्यम से प्रवेश कर सकता है और अतिरिक्त कोशिकाओं की वृद्धि का कारण बन सकता है। इससे त्वचा की बाहरी परत मोटी और सख्त हो जाती है, जो मस्सा का रूप ले लेता है।
० एचपीवी वायरस से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह हो सकता है।
० दूसरा का तौलिया या फिर रेजर इस्तेमाल करना भी मस्सा होने का कारण बन सकता है।
० घाव वाली त्वचा के संक्रमित होने से भी इसके होने की आशंका अधिक हो जाती है।
मस्सा के क्या क्या लक्षण है ?
मस्सा के संकेत और लक्षण –
० हाथों की उंगलियां, पैर की उंगलियां और घुटनों के पीछे गुंबद आकार का उभार दिखना मस्से का लक्षण है, अक्सर मस्से की परत पर एक छोटा और काले रंग का डॉट दिखाई पड़ता है।
० प्लांटर मस्से सिर्फ पैर के तलवे में ही पनपते हैं। किसी अन्य जगह पर इनको अंकित नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके ही जैसा दिखने वाला मस्सा हथेली पर (Palm warts) भी हो सकता है। पैर के तलवे में अगर छोटे मस्से समूह के रूप में दिखने लगें तो उसके मौएजेक मस्सा कहा जाता है।
० समतल मस्सा चेहरा, टांगे और शरीर के अन्य भागों पर बन सकता है, अक्सर से ज्यादा संख्या में भी हो जाते हैं।
० पेरिअंगल मस्सा (Periungual warts) – यह मस्सा नाखून के आस-पास या नाखून के भीतर बनता है।
० फिलीफोर्म मस्सा (Filiform warts) – यह अक्सर काफी लंबा और एक पतले डंठल की तरह होता है और अक्सर चेहरे पर बनता है।
० ज्यादातर मस्सों की परत रूखी होती है और साथ ही उनमें कुछ काले छोटे स्पॉट्स होते हैं जो छोटी केशिकाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
० ट्रॉमाटाइज्ड मस्सों से कभी-कभी खून निकल ही आता है इसलिए उनको खून के मस्से (Blood warts) भी कहा जाता है।
मस्सा होना किस बीमारी का लक्षण बताता है ?
मस्से आपकी शारीरिक सुंदरता तो बिगाड़ते ही हैं, साथ ही यह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं। अपने शरीर पर बनने वाले इन मस्सों को नजरअंदाज बिल्कुल ना करें. इनके कलर, शेप और साइज का अवलोकन करते रहें।
कैंसरयुक्त मस्सों को मेलेनोमा (Melanoma) या एक प्रकार के स्किन कैंसर के रूप में जाना जाता है जो स्किन के पिगमेंट प्रोड्यूसिंग सेल्स में विकसित होते है जो कि मेलानोसाइट्स कहलाते है. हालांकि, सभी तरह के स्किन कैंसर के मामलों में मेलेनोमा के मामले सिर्फ एक फीसदी ही हैं लेकिन यह सबसे खतरनाक तरह का स्किन कैंसर होता है।
FAQ
Q) मस्सा कितने प्रकार के होते हैं ?
मसा लगभग 10 प्रकार के होते हैं।
Q) किस विटामिन की कमी से मस्सा होता है ?
विटामिन B12 की कमी से मस्सा होता है।
Q) कैंसर युक्त मस्सा मेलानोमा का क्या लक्षण है ?
त्वचा पर लाल चकत्ते बनना जो रफ और ड्राई हो। पैर या हाथ के नाखून में काली या डार्क कलर की लाइन बनना।
Q) कैंसर युक्त मस्सा मेलानोमा से कैसे बचे ?
यूवी रेडिएशन के बहुत अधिक संपर्क में आने से इस तरह के कैंसर के होने की संभावना बढ़ती है। ऐसे में इससे बचने के लिए धूप के संपर्क में आना कम करें।