फिल्मों को दिए जाने वाले सर्टिफिकेट (Certificate) “अ/U, अव/UA, व/A, तथा S ” क्यों दिए जाते हैं ? सेंसर बोर्ड क्या होता है ? सेंसर बोर्ड का इतिहास क्या है ?

फिल्मों को दिए जाने वाले सर्टिफिकेट (Certificate) “अ/U, अव/UA, व/A, तथा S ” क्यों दिए जाते हैं ?

किसी भी संस्कृति में मनोरंजन का एक खास दर्जा रहता है। हमारे इतिहास में मनुष्य अपने रोजमर्रा के कार्यों से थक हार कर अपने शरीर व मन को तरोताजा रखने के लिए किसी न किसी प्रकार के मनोरंजन का लुफ्त लिया करते थे। चाहे वह खेल हो या कोई नृत्य देखकर या किसी प्रकार का नाटक देख कर अपना दिल बहलाया करते थे। जब से हमारे सभ्यता में फिल्मों का चलन बढ़ा है तब से ही ये मनुष्य के मनोरंजन का प्रमुख साधन है।

फिल्में देखने का शौंक लगभग हर वर्ग आयु के व्यक्ति को होता है। चाहे वो बच्चा हो या फिर जवान या बूढ़ा, हर किसी के मन में फिल्में देखने का शौक रहता है। इन में फर्क सिर्फ इतना होता है की बच्चे अपने कार्टून या दंत कथाओं पर आधारित फिल्म देखते है। जवान लोग ज्यादातर मार-धाड़, प्रेम कहानी या क्राइम स्टोरी देखना पसंद करते हैं। अधिक आयु के लोग अधिकतर पौराणिक, या राजा महाराजाओं की पुरानी फिल्मों के शौंकीन होते है।

इन सभी आयु वर्ग के लोगों कि इच्छा के मद्देनजर फिल्मों के निर्माता भी अलग अलग प्रकार की फिल्मे बनाते है। फिल्मो को बनाते हुए फिल्म के निर्माता और निर्देशक को यह भी ध्यान रखना होता है की इस फिल्म से दर्शक और समज पर क्या असर पढ़ेगा। फिर भी कभी-कभी ज्यादातर फिल्मों में ऐसी भाषा, दृश्य या संगीत का उपयोग किया जाता है जो हर आयु वर्ग के देखने लायक नहीं होती है। इसलिए यह जांच करने के लिए एक नियामक संस्था जिसे “सेंसर बोर्ड” कहा जाता है की स्थापना की गई है। फिल्मो को दर्शकों के सामने रिलीज़ होने से पहले सेंसर बोर्ड चेक करता है की फिल्म किस आयु वर्ग के देखने लायक हैं।
यह जांच करने के बाद सेंसर बोर्ड ही फिल्मो को सर्टिफिकेट देता है। जिससे यह पता चलता है की कौन सी फिल्म किस आयु वर्ग के लिए होती है। आप सभी ने फिल्म के शुरू होने से पहले फिल्म के सर्टिफिकेट पर “अ/U, अव/UA, व/A, तथा S” ये चिन्ह तो देखि होंगी। लेकिन क्या आप इनका मतलब जानते है।

आज हम आप सभी को इस लेख के जरिये फिल्म सर्टिफिकेट के अ/U, अव/UA, व/A, तथा S इन सभी केटेगरी के मतलब के बारे में बताने वाले है।

फ़िल्म को दिए जाने वाले सर्टिफिकेट में अ/U, अव/UA, व/A, तथा S का मतलब क्या होता है ?

किसी भी फिल्म को दिए जाने वाले सभी सर्टिफिकेट को फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा दिए जाते है। इन चारों कैटेगरी के सर्टिफिकेट के अलग अलग अर्थ होते है। जिससे की यह पता चलता है की यह मूवी किस आयु वर्ग के लोगो के देखने योग्य है।
उसी के मुताबिक़ इन्होने इन सर्टिफिकेट की केटेगरी को बांटा है। जो कि निम्नलिखित है:

० अ/U सर्टिफिकेट

जब फिल्म को “अ/U” का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। इसका मतलब है की इस फिल्म को 7 वर्ष की आयु से अधिक के बच्चे देख सकते है। इस सर्टिफिकेट का अर्थ यह भी होता है की इस पर कोई भी प्रतिबन्ध नहीं है। और इसे हर कोई देख सकता है।

० अव/UA सर्टिफिकेट

किसी फिल्म का “अव/UA” इस सर्टिफिकेट का अर्थ यह होता है, की यह फिल्म 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए होती है। जिससे वह अपने गार्जन के साथ देख सकते हैं। क्योंकि इस प्रकार की फिल्म में कुछ ऐसे सीन्स होते है, जिनको समझने के लिए बच्चों को किसी बड़े व्यक्ति की आवश्यकता होती है ।

० व/A सर्टिफिकेट

किसी फिल्म को “व/A” इस प्रकार के सर्टिफिकेट तब दिया जाता है जब वह किसी खास आयु वर्ग के लिए बनाई गई हो। वह हर आयु के लोगो के लिए नहीं होती है। इस फिल्म के दृश्य कम उम्र के बच्चों के देखने लायक नहीं होते हैं।इस प्रकार की फिल्मों को केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगो को देखने की अनुमति होती है।

० ‘S’ सर्टिफिकेट

इस ‘S’ कैटेगरी के सर्टिफिकेट उन फिल्मों को दिया जाता है जो की बिलकुल भी कोई आम फिल्म नहीं होती है। यह बहुत ही अलग प्रकार की फिल्म होती है। इस प्रकार की फिल्में को हर किसी के देखने के लिए नहीं होती है। इसे किसी खास दर्शक वर्ग जैसे- डॉक्टर, साइंटिस्ट, इंजीनियर आदि के लिए बनाई जाती है। इसे आप लोग नहीं देख सकते हैं।

भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड क्या है ?

पिछले कुछ समय से आपने गौर किया होगा कि कई ऐसी फ़िल्में बन रही हैं जो किसी न किसी कारण से विवाद में जरूर घिरती है। ऐसे में इन फिल्मों को सर्टिफिकेशन देने वाला “फिल्म सेंसर बोर्ड”काफी सुर्ख़ियों में बना रहता है।
“सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन” (CBFC) जिसे सेंसर बोर्ड के नाम से भी जाना जाता है, एक गवर्नमेंट संस्था है जो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन आती है। इसका काम भारत में बनने वाली फिल्मों को रिलीज़ होने से पहले, उसके विषय और कंटेंट के हिसाब से सर्टिफिकेट प्रदान करना है। यह सर्टिफिकेट सिनेमैटोग्राफी एक्ट 1952 के तहत आने वाले प्रावधानों के अनुसार फिल्मों को दी जाती है।
CBFC बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सीधे केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। जिसमें सदस्य किसी सरकारी ओहदे पर नहीं होते। प्रत्येक फिल्म रिलीज़ होने से पहले सेंसर बोर्ड में गठित टीम के सदस्यों द्वारा देखी जाती है और यह तय किया जाता है कि फिल्म को कौन सी कैटेगरी के सर्टिफिकेट के साथ पास करना है।

भारतीय सेंसर बोर्ड (censor board) का इतिहास क्या है ?

भारतीय फिल्म इतिहास की पहली फिल्म (राजा हरीशचंद्र) 1913 में बनी। इसके बाद अंग्रेज सरकार द्वारा इंडियन सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1920 में बना दिया गया और तभी लागू भी हुआ था। तब मद्रास (चेन्नई), बॉम्बे (मुंबई), कलकत्ता (कोलकाता), लाहौर (पाकिस्तान में) और रंगून (यांगून, बर्मा में) सेंसर बोर्ड पुलिस चीफ के अंदर आता था।
पहले रीजनल सेंसर्स संस्था स्वतंत्र थे। 1947 देश की आजादी के बाद सभी रीजनल सेंसर्स को बॉम्बे बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर्स के अधीन कर दिया गया। फिर भारत के आजादी के बाद “सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952” लागू होने के बाद बोर्ड का ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर्स’ के नाम से पुनर्गठन हुआ। इस घटना के 31 सालों के बाद 1983 में फिल्म के प्रदर्शन और प्रकाशन से जुड़े कुछ बदलाव इस एक्ट में किये गये और इस संस्था का नाम ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन’ रखा गया।

सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952(5E) के तहत सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को सर्टिफिकेट जारी करने के बाद भी किसी फिल्म को केंद्र सरकार बैन कर सकती है। साथ ही सेंसर बोर्ड द्वारा जारी सर्टिफिकेट को रद्द भी कर सकती है। एक आरटीआई के हवाले से लिखा गया है कि सेंसर बोर्ड ने “1 जनवरी 2000 से 31 मार्च 2016 तक 793 फिल्मों को सर्टिफिकेट नहीं दिया था।”जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना।

FAQ

क्या सभी फिल्मों को सर्टिफिकेट मिलता है ?
उत्तर: जी हां सभी फिल्मों को प्रकाशित करने के लिए सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है।
किस कैटेगरी के सर्टिफिकेट से पता चलता है कि वह फिल्म बच्चों के लिए हैं?
उत्तर: अ/U सर्टिफिकेट के फिल्में 7 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे देख सकते हैं।
सेंसर बोर्ड किसके अधीन रहता है ?
उत्तर: सेंसर बोर्ड भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन रहता है।
18 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों के लिए कौन से कैटेगरी का सर्टिफिकेट है ?
उत्तर: व/A कैटेगरी का सर्टिफिकेट को 18 वर्ष से अधिक आयु वाले लोग देख सकते हैं।
भारतीय सेंसर बोर्ड का गठन कब हुआ था ?
उत्तर:1952" में 'सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर्स' का पुनर्गठन भारत में किया गया।