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सर्दी जुकाम क्यों होता है (Cold and Cough) ? नाक से जुड़ी प्रमुख गंभीर बीमारियां कौन-कौन सी हो सकती हैं (What can be the major serious diseases related to nose) ? नाक से खून गिरने का प्रमुख कारण क्या है ? नाक से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के घरेलू नुस्खे क्या क्या है ?

सर्दी जुकाम (Cold and Cough) क्या है ?

यह ऊपरी श्वसन तंत्र का आसानी से फैलने वाला संक्रामक रोग है। जो ज्यादातर नाक को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में खांसी, गले की खराश, नाक का बहना और बुखार (Cold and Cough)आते हैं। लक्षण आमतौर पर सात से दस दिन के भीतर समाप्त हो जाते हैं। हालांकि कुछ लक्षण तीन सप्ताह तक भी रह सकते हैं। ऐसे दो सौ से अधिक वायरस होते हैं जो सामान्य ज़ुकाम का कारण बन सकते हैं। राइनोवायरस इसका सबसे आम कारण है। यह राइनोफेरिंजाइटिस, अत्यधिक नज़ला या ज़ुकाम के नाम से भी जाना जाता है।
नाक, साइनस, गले या कंठनली का तीव्र संक्रमण शरीर के उन अंगों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है जो इससे सर्वाधिक प्रभावित होते है सामान्य ज़ुकाम मुख्य रूप से नासिका, फेरिंजाइटिस, श्वासनलिका को और साइनोसाइटिस, साइनस को प्रभावित करता है। यह लक्षण स्वयं वायरस द्वारा ऊतकों को नष्ट किए जाने से नहीं बल्की संक्रमण के प्रति हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण उत्पन्न होते हैं। संक्रमण को रोकने के लिए हाथ धोना मुख्य तरीका है। कुछ प्रमाण चेहरे पर मास्क पहनने की प्रभावकारिता का भी समर्थन करते हैं।

सामान्य ज़ुकाम के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का इलाज किया जा सकता है। यह, मनुष्यों में सबसे अधिक होने वाला संक्रामक रोग है। औसत वयस्क को प्रतिवर्ष दो से तीन बार ज़ुकाम होता है। औसत बच्चे को प्रतिवर्ष छह से लेकर बारह बार ज़ुकाम होता है। ये संक्रमण प्राचीन काल से मनुष्यों में होते आ रहे हैं।

सर्दी जुकाम क्यों होता है ?

वायरस: सामान्य ज़ुकाम ऊपरी श्वास नलिका का आसानी से फैलने वाला संक्रमण है। राइनोवायरस सामान्य ज़ुकाम का सबसे आम कारण है। यह सभी मामलों में से 30% से 80% के लिए उत्तरदायी होता है। सामान्य ज़ुकाम अन्य वायरस के द्वारा भी हो सकता है। सभी मामलों में से 10% से 30% के लिए कोरोनावायरस उत्तरदायी होता है। सभी मामलों में से 5% से 15% के लिए फ्लू (इन्फ़्लुएन्ज़ा) उत्तरदायी होता है।अन्य मामले ह्यूमन पैराइन्फ़्लुएन्ज़ा वायरस, ह्यूमन रेस्पिरेटरी साइनसाईटियल वायरस, एडेनोवायरस, एन्टेरोवायरस तथा मेटान्यूमोवायरस के कारण हो सकते हैं। सामान्यतया संक्रमण की स्थिति में एक से अधिक वायरस उपस्थित होते हैं। कुल मिला कर, दो सौ से अधिक प्रकार के वायरस ज़ुकाम से साथ संबंधित माने गए हैं।

प्रसार: सामान्य ज़ुकाम का वायरस आम तौर पर एक दो मुख्य तरीकों से फैलता है। वायरस युक्त नन्हीं बूंदों को साँस के द्वारा अथवा मुंह के द्वारा अन्दर लेने से या संक्रमित नाक के म्यूकस या संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने से।इनमें से कौन सा कारण ज़ुकाम के प्रसार के लिए उत्तरदायी है, इसका पता नहीं लगाया जा सका है।ये वायरस वातावरण में लम्बे समय तक बचे रह सकते हैं। इसके बाद वायरस हाथों से नाक अथवा आँखों में प्रसारित हो जाता है, जहाँ संक्रमण हो जाता है।एक दूसरे के पास बैठने वाले लोगों के संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है।

मौसम: पारंपरिक सिद्धांत यह है कि ज़ुकाम बहुत अधिक समय तक ठंडे मौसम में रहने के कारण होता है जैसे कि, बरसात या सर्दियों में और इसी कारण इस बीमारी को यह नाम भी दिया गया है।यह विवादस्पद है कि शरीर के ठंडा होने से भी सामान्य ज़ुकाम होने का खतरा होता है या नहीं। कुछ वायरस जो सामान्य ज़ुकाम के कारक होते हैं वे मौसमी होते हैं और ठंडे या गीले मौसम के दौरान इनके होने की संभावना अधिक होती है।

सर्दी जुकाम के क्या क्या लक्षण होते हैं ?

सर्दी जुकाम के नाक संबंधी लक्षण –

बंद नाक
साइनस पर दबाव
नाक बहना
नाक भारी होना
कुछ भी न सूंघ पाना
बार बार छींक आना
आपके गले के पिछले हिस्से में नाक से स्त्राव होना

सर्दी जुकाम के मस्तिष्क और गर्दन संबंधी लक्षण –

आंखों से पानी बहना
सिरदर्द
गले में खराश
खांसी
सूजी हुई लसीका ग्रंथि (लिम्फ नोड)

सर्दी जुकाम के शारीरिक लक्षण –

थकान
ठंड लगना
शरीर मैं दर्द
हलका बुखार
सीने में तकलीफ महसूस होना
गहराई से साँस लेने में कठिनाई

सर्दी जुकाम होने से बचाव के क्या-क्या उपाय ?

हालांकि सर्दी जुकाम को पूरी तरह से रोकना असंभव है, पर कुछ ऐसे कदम हैं जिनसे आप अपने और अपने परिवार को इस वायरस से संक्रमित होने की संभावना को कम कर सकते हैं –

० अपने हाथों को अक्सर धोएं – ये सर्दी जुकाम से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है। विशेष रूप से, किसी सार्वजनिक स्थान से वापस घर आने पर हाथ जरूर धो लें।

यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर जाते हैं, तो अपने साथ हाथो का सैनिटाइजर लेके जाएं और उस से अपने हाथों को साफ कर लें ताकी आप किसी वायरस से संपर्क में आ भी गए हैं, तो एसा करने से उसे खत्म करने में मदद मिलेगी।

अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के आसपास हैं या किसी सार्वजनिक क्षेत्र के दूषित सतह के संपर्क में आए हैं तो अपने चेहरे को, विशेष रूप से नाक, मुंह और आंख के क्षेत्रों को ना छूएं।

अगर आपके परिवार में कोई व्यक्ति संक्रमित हो तो डिस्पोजेबल खाने के बर्तनों का उपयोग करें। डिस्पोजेबल कप या गिलास प्रत्येक उपयोग के बाद फेंक दिए जा सकते हैं। ऐसा करने से वायरस के आकस्मिक प्रसार को रोकने में मदद मिलती है।

दरवाज़े की कुण्डी, ड्रॉअर के हैंडल, कीबोर्ड, इलेक्ट्रिक स्विच, टेलीफोन, रिमोट कंट्रोल, काउंटरटॉप्स, सिंक आदि यदि किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए जाएं तो कुछ घंटों तक इन सतहों पर वायरस रह सकते हैं। इन सतहों को अच्छी तरह साबुन या सैनिटाइजर द्वारा साफ़ करना चाहिए।

यदि आपके बच्चे को सर्दी जुकाम है, तो उनके खिलौनो को अच्छी तरह से धो लें जब आप घरेलू सतहों या आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं की साफ सफाई कर रहे हों।

रोगाणु कपड़े के तौलिए पर कई घंटो तक रह सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, प्रत्येक परिवार के सदस्य के लिए अलग तौलिया होना चाहिए और मेहमान के लिए अलग से एक साफ़ तौलिया रखें।

० स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें – हालांकि, यह कहना मुश्किल है की अच्छा खाना या व्यायाम करने से सर्दी जुकाम को रोका जा सकता है, लेकिन स्वस्थ जीवन शैली (पर्याप्त नींद, swasth पोषण, व्यायाम) से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से ज्यादा अच्छी तरह से लड़ सकेगी।

० तनाव कम रखें – अध्ययनों से पता चला है कि भावनात्मक तनाव का अनुभव करने वाले लोगों में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और तनाव रहित रहने वाले लोगों की तुलना में तनावग्रस्त लोगों को सर्दी जुकाम होने की संभावना अधिक होती है।

गर्म मौसम में सर्दी जुखाम होने के कारण क्या है ?

ठंड के दिन में सर्दी-जुकाम आम बात है लेकिन गर्मी में इसका कारण थोड़ा अलग है. आजकल सर्दी-जुकाम की समस्या लोगों में काफी तेजी से बढ़ रही है. दरअसल, मेडिकल टर्म में इसे समर कोल्ड कहते हैं. यह एंटरोवायरस के कारण हो रहा है. इस मौसम में इंफेक्शन बीमारी का रूप ले लेती है. आज बात करेंगे इसके पीछे का कारण.

गर्मी में सर्दी-जुकाम होने के पीछे कारण :

मौसम जैसे ही गर्म होता है. ज्यादातर सर्दी पैदा करने वाले वायरस भी गर्मी के तरफ शिफ्ट होते हैं. एंटरोवायरस भी इन्हीं में से एक है. यही वह वायरस है जो गर्मी में सर्दी का कारण है. सिर्फ इतना ही नहीं यह सांस की नलियों में इंफेक्शन का कारण भी है. जिसकी वजह से हमारी नाक बहने लगती है. गले में खराश और इसके अलावा में पेट से जुड़ी दिक्कतें भी सामने आने लगती है.

सर्द-गर्म के कारण:
ज्यादा गर्मी पड़ने पर लोग इसलिए भी सर्दी- जुकाम का शिकार हो जाते हैं। क्योंकि लोग सर्द-गर्म का शिकार हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्यों कि टेंपरेचर में काफी तेजी से बदलाव होता है। और इसी गैप की वजह यह सब होता है। इस स्थिति में आपको लंबे समय तक सर्दी-जुकाम रह सकता है। साथ ही यह आपको बार-बार परेशान भी कर सकता है।

इस मौसम में सर्दी-जुकाम से कैसे बचें ?

सबसे पहले तो आप चाहते हैं कि आप इस मौसम में सर्दी-जुकाम से बचे रहें तो कभी भी बाहर से आकर तुरंत फ्रिज से ठंडा पानी निकालकर न पिएं। क्योंकि आपका यह तरीका आपको खतरनाक रूप से बीमार कर सकता है।

० धूप में से आकर न नहाएं: कभी भी ये न करें कि कहीं भी धूप में से आकर तुरंत ठंडा पानी से नहा लें। ऐसा करने से आपकी तबियत तुरंत खराब हो जाएगी.।

सिर ढ़ककर ही धूम में निकलें: घर के बाहर जब भी धूम में निकलें तो सिर और चेहरा को अच्छे तरीके से ढककर ही निकलें। इससे आपके चेहरे पर सीधा धूप नहीं पड़ेगा और आपकी स्किन जलने से बच जाएगी। साथ ही आपका सिर गर्म नहीं होगा।

० पानी का बोतल रखें: साथ में पानी का बोतल रखें और बार-बार पीते रहें इससे आप डिहाइड्रेशन का शिकार नहीं होंगे।

० गर्मी में पानी वाले फल खाएं: गर्मी में कोशिश करें कि पानी वाले फल खाएं। इससे आपकी शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। गर्मी में सर्दी-जुकाम से बचने के यह है उपाय. इसके बाद भी अगर हो जाए तो खूब पानी पिएं, आम पन्ना पिएं और सही समय पर डॉक्टर से सलाह लें।

बार-बार सर्दी जुखाम होने के क्या कारण हो सकते हैं ?

सर्दी और जुकाम एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें छींक-छींक कर हमारा बुरा हाल हो जाता है और इन दिनों आपके पास कुछ चीजें रहती हैं, जिनमें टिश्यू पेपर से लेकर विक्स, दवाई और नेजल स्प्रे शामिल होता है। इन दिनों में रात को नींद आने में मुश्किल होती है, दम सा घुटने लगता है और आप तो जानते ही हैं कि सर्दी और खांसी से बेहाल व्यक्ति के लिए सोना मुश्किल हो जाता है और अगली सुबह शरीर में बिल्कुल ताकत नहीं रहती। क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि जब आप बीमार हों और ऑफिस में लोग आपसे पूछ रहे हों कि तुम इतना बीमार क्यों रहते हों? इसके बाद आपके मन में ख्याल आता होगा क्या वाकई में आप सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं। अगर आपके मन में ये ख्याल आता है तो इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं, जिसमें से ये 4 प्रमुख हैं।

लो इम्यूनिटी: सीजनल फ्लू और सर्दी का अक्सर आपके इम्यून सिस्टम से ही लेना-देना होता है। अगर मौसम बदलने पर आपको सर्दी-खांसी हो रही है, तो अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करने की कोशिश करने की जरूरत है। अपनी डाइट में इम्यूनिटी बूस्टर शामिल करें, अदरक और शहद का उपयोग करें और कोशिश करें कि जब भी मौसम में बदलाव हो तो ठंडे फूड्स से दूर रहें।

० एलर्जी: नाक बहना, आंखों से पानी आना और नाक बंद होना एलर्जिक राइनाइटिस के मुख्य कारणों में से एक है। इसलिए अगर आप किसी विशेष स्थान पर जाकर बीमार पड़ते हैं या किसी विशेष समय पर बीमार होते हैं तो आपको एलर्जी हो सकती है। ये बहुत ज्यादा या फिर क्रॉनिक भी हो सकती है। इसलिए, कोशिश करें और कारणों की पहचान करें और उनसे दूर रहने की कोशिश करें। आप भाप लेकर और खुद को हाइड्रेटेड रखकर इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं और राहत पा सकते हैं।

० जेनेटिक: अगर आपके माता-पिता में से किसी को भी एलर्जी होने का खतरा रहता है, तो संभावना है कि आप भी इससे पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए खांसी और जुकाम होने पर जांच कराते रहें और डॉक्टर की मदद लें।

० सीजनल फ्लू: सीजनल फ्लू और वायरल बहुत ही आम है। सर्दियां शुरू होते ही संभावना बढ़ जाती है कि आप इन दोनों में से किसी न किसी के शिकार हो सकते हैं। गर्म कपड़े न पहनना, जंक फूड का सेवन या फिर साफ-सफाई न रखना और सीजनल हरी सब्जियों से दूरी बनाना जैसे कुछ कारण हो सकते हैं, जिसके कारण आप सीजनल फ्लू या फिर वायरल के शिकार भी हो सकते हैं।

० विटामिन डी की कमी: अगर आपको बार-बार जुखाम सर्दी खांसी इत्यादि की समस्या सताती है तो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। इसलिए आप जितना हो सके विटामिन डी युक्त डाइट लें।

अगर आपको लगता है कि आप साल दर साल सर्दी-जुकाम के शिकार होते रहते हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह पर फ्लू श़ॉट ले लेना चाहिए। ये आपको मौसम में बदलाव कि स्थिति में होने वाली परेशानी से राहत दिलाएगा और दूसरे के तानों से भी बचाएगा।

नाक से खून बहना क्या होता है ?

नाक से खूब बहना जितनी गंभीर परिस्थिती है उतनी ही आम भी। लेकिन यह दोनों बातें निर्भर करती हैं व्यक्ति की अवस्था पर। नाक से खून का आना डरावने हो सकता है, लेकिन कई बार ऐसा जरूरी नहीं होता है कि गंभीर चिकित्सकीय समस्या हो। नाक में कई रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो नाक के आगे और पीछे की सतह के करीब स्थित होती हैं और काफी नाजुक होती हैं, यही वजह है कि बार इससे आसानी से खून बहने लगता है। 3 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों में नकसीर आम है।

नाक से खून गिरने का प्रमुख कारण क्या है ?


नाक से खून आने के कई कारण होते हैं। अचानक या कभी-कभार होने वाला नकसीर शायद ही कभी गंभीर होते हैं। लेकिन अगर बार-बार आपके नाक से खून आता है, तो आपको अधिक गंभीर समस्या हो सकती है।
सूखी हवा नकसीर का सबसे आम कारण है, इसमें सूखे जगह पर रहने या एक सेंट्रलाइज्ड हीटिंग सिस्टम का उपयोग करने से नाक की झिल्ली सूख सकती है। यह सूखापन नाक के अंदर पपड़ी का कारण बनता है। पपड़ी में खुजली या जलन हो सकती है और अगर आप अपनी नाक को खरोंचते हैं, इससे खून बह सकता है।
इसके अलावा एलर्जी, जुकाम या साइनस की समस्याओं के लिए एंटीहिस्टामाइन और डीकॉन्गेस्टेंट लेने से भी नाक की झिल्लियां सूख सकती हैं और नाक से खून आ सकता है।
बार-बार नाक बहना नाक से खून आने का एक और कारण है।

नाक से खून बहने के सामान्य कारण-

वस्तु नाक में फंसना
रासायनिक अड़चन
एलर्जी की प्रतिक्रिया
नाक पर चोट
बार-बार छींक आना
बार-बार नाक को छेड़ना
ठंडी हवा
रेस्पीरेट्री सिस्टम में संक्रमण
एस्पिरिन की बड़ी खुराक

नकसीर के अन्य कारणों में शामिल हैं-

हाई ब्लडप्रेशर
रक्तस्राव विकार
ब्लड क्लॉट विकार
कैंसर

नाक से खून आने के घरेलू उपचार क्या क्या है ?

नाक से खून आने का घरेलू उपचार
हम मौसम को नहीं बदल सकते, लेकिन कुछ उपाय नाक से खून आने की समस्या से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं। उपायों में शामिल हैं:

बर्फ रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम करता है और सुन्नता की अनुभूति से राहत मिल सकती है। इसलिए नाक से खून आने के दौरान आइस क्यूब को पकड़ने की कोशिश करें।

विटामिन सी रक्त को तेजी से थक्का बनाने में मदद करता है। हालांकि यह नाक से खून बहने के दौरान मदद नहीं कर सकता है, विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ लेने से रक्त वाहिकाएं मजबूत रहती हैं और नाक से खून बहने से रोकता है।

नाक से खून बहने से रोकने के लिए भाप लें।भाप नाक गुहा को नम करने में मदद करती है और इसे सूखने से रोकती है और इसलिए नाक से खून बहने से बचाती है।

जब आपकी नाक से खून बहने लगे तो अपने सिर को ऊपर उठाएं और तब तक न झुकने की कोशिश करें जब तक खून बहना बंद न हो जाए। यह आसन नाक से खून बहने को जल्दी रोकने में मदद करता है।

गर्मियों के दौरान, अपने दैनिक आहार के हिस्से के रूप में पूरी-गेहूं की रोटी बनाएं। इसमें जिंक की उच्च मात्रा शरीर में रक्त वाहिकाओं की रक्षा करती है।

गर्मियों में हाइड्रेटेड रहने के लिए, नाक को सूखने से बचाने के लिए खूब सारे तरल पदार्थ और पानी पिएं।

चूंकि सूखी नाक गुहा रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और उनमें से खून निकलता है, डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई मॉइस्चराइजिंग क्रीम लगाकर अपनी नाक को नम रखने की कोशिश करें।

बायोफ्लेवोनॉइड्स नाक से खून बहने को रोकने में मदद करते हैं। चूंकि खट्टे फलों में बायोफ्लेवोनॉइड्स होते हैं, इसलिए दिन में एक बार खट्टे फलों का सेवन करें।

निष्कर्ष

धूल, गर्मी, सर्दी या बदबू के प्रति एलर्जी, साइनस में संक्रमण या नाक में सूजन और दूसरे अनेक कारणों से नाक बंद होने की शिकायत हो सकती है। अधिकतर मामलों इसके कारण सामान्य होते हैं। यह हर मौसम में हर उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।

बंद नाक का कारण अगर कोई सामान्य समस्या जैसे की धूल, बदबू या ठंड के प्रति एलर्जी है तो कुछ ख़ास घरेलू नुस्खों से इसे दूर किया जा सकता है। दूसरे मामलों में दवाओं की आवश्यकता होती है। अगर बंद नाक का कारण कोई गंभीर समस्या है तो ऐसे में डॉक्टर सर्जरी या दूसरे माध्यम का चयन करते हैं।

अगर आप भी बंद नाक से परेशान हैं तो तुरंत नाक के विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। समय पर उचित उपचार और देखभाल से इस समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है।

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